संतोष गुप्ता, जशपुर. भारतीय जनता पार्टी जशपुर विधानसभा सीट से दावेदारी कर रहे प्रदीप नारायण सिंह ने सोमवार को दो नामांकन फार्म खरीद लिया है. जिसमें से स्वयं के लिए और दूसरा नामांकन फार्म अपने पत्नी के संगीता के नाम से है. प्रदीप नारायण सिंह जो कि बगीचा जनपद पंचायत अध्यक्ष पद पर हैं, वही उनकी पत्नी संगीता सिंह जिला पंचायत सदस्य के पद पर हैं. गौरतलब है कि भारतीय जनता पार्टी ने जशपुर विधानसभा सीट से गोविन्द राम भगत को उम्मीदवार घोषित किया है. भाजपा से जशपुर के लिए प्रबल दावेदारी करने वाले प्रदीप को पार्टी से टिकट नहीं मिलने से निर्दलीय प्रत्याशी के रुप में चुनाव मैदान में उतरने का मन बना लिया है.
गौरतलब है कि प्रदीप नारायण सिंह का जशपुर राज परिवार से काफी नजदीकी रिश्ता रहा है. स्व. दिलीप सिंह जूदेव, प्रदीप नारायण सिंह को छोटे पुत्र की तरह मानते थे. यही वजह है कि जब अगस्त 2013 में दिलीप सिंह जूदेव का निधन हुआ. तब जूदेव के अंतिम संस्कार के समय पुत्र युद्धवीर सिंह जूदेव के साथ प्रदीप नारायण सिंह भी मुखाग्नि देते हुए नजर आये थे.
अलग-अलग खेमे में बटी भाजपा
जशपुर में भाजपा उम्मीदवार को लेकर भारतीय जनता पार्टी में ही लामबंदी देखी जा रही है. मिली जानकारी के मुताबिक यहा पार्टी कई खेमे में बट चुकी है. जिले के बगीचा एवं मनोरा विकासखंड में लगभग 15 हजार के आस-पास पहाड़ी कोरवा जनजाति के मतदाता है. जशपुर विधानसभा से यदि ये चुनाव लड़ते हैं तो भाजपा को काफी नुकसान हो सकता है. प्रदीप नारायण सिंह को पहाड़ी कोरवा समाज के लोग काफी पसंद करते हैं जिसकी वजह से इस समाज का सारा वोट प्रदीप नारायण को ही जा सकता है. यही नहीं बगीचा एवं मनोरा क्षेत्र में नगेशिया समाज के लोग भी निवास करते है. इनके समाज के लोगो को टिकट नहीं मिलने की वजह से ये भी भाजपा से नाराज चल रहे है. बताया जा रहा है प्रदीप नारायण नगेशिया समाज के लोगो को अपने पक्ष में मतदान करने के लिये राजी कर रहे है. ऐसे में प्रदीप नारायण को पहाड़ी कोरवा एवं नगेशिया समाज का वोट मिलेगा. आने वाले समय ही तय करेगा कि यहां से भाजपा को कितना नुकसान उठाना पड़ सकता है.