चेन्नई. रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष अश्विनी लोहानी ने सोमवार को देश की पहली बिना इंजन वाली ट्रेन को लॉन्च कर दिया है. इस ट्रेन को स्वेदेशी तकनीकि से 100 करोड़ रुपये में विकसित किया गया है. यह एक हाईटेक, ऊर्जा-कुशल, खुद से चलनेवाला या बिना इंजन के चलने वाली ट्रेन है. लोहानी द्वारा हरी झंडी दिखाए जाने के बाद सफेद और ब्लू रंग की इन ट्रेन ने इंटीग्रल कोच फैक्टरी (आईसीएफ) में कुछ यार्ड का सफर तय किया.

अधिकारियों का कहना है कि इस तरह की भारत की पहली ट्रेन ‘ट्रेन 18’ भारतीय रेल में गेम-चेंजर साबित होगी. इस ट्रेन को विकसित करने में जितनी लागत लगती है, स्वदेशी तकनीक से इसे उससे आधी लागत में तय किया गया है. आईसीएफ के महाप्रबंधक एस. मनी ने पहले कहा था, ‘इस ट्रेन में 16 डिब्बे हैं और इसके यात्रियों को ढोने की क्षमता भी उतनी ही है, जितनी 16 डिब्बों के अन्य ट्रेन में होती है लेकिन इसमें इंजन नहीं है. यह 15-20 फीसदी ऊर्जा कुशल है और कम कार्बन फुटप्रिंट छोड़ता है.’

भारतीय रेल द्वारा आने वाले वक्त में एक बड़े बदलाव की तैयारी शुरू कर दी गई है. रेलवे की ओर से आगामी साल में अब हाइस्पीड ट्रेन-18 को चलाने की तैयारी की जा रही है. तमिलनाडु में स्थित रेलवे की इंटीग्रल कोच फैक्ट्री ने इस खास ट्रेन को हाइटेक सुविधाओं के साथ तैयार किया है. खास बात यह कि बिना इंजन वाली इस ट्रेन को करीब 220 किमी की स्पीड तक चलाया जा सकेगा और इसमें तमाम अत्याधुनिक सुविधाएं भी मौजूद होंगी. आगे की स्लाइड्स में देखें, किन फीचर्स से लैस होगी ‘ट्रेन-18’.

होचुका है सफल ट्रायल

ट्रेन-18 का पहला ट्रायल आगामी समय में मुरादाबाद से बरेली और राजस्थान के कुछ स्टेशनों के बीच किया जाएगा. बाद में इस ट्रेन को आम परिचालन के लिए शताब्दी और राजधानी ट्रेनों के कुछ रुटों पर भी उपयोग किया जाएगा.

अधिकारियों ने बताया कि इस ट्रेन को महज 18 महीनों में ही विकसित कर लिया गया जबकि उद्योग का मानदंड 3-4 सालों का है. इसमें सभी डिब्बों में आपातकालीन टॉक-बैक यूनिट्स (जिससे यात्री आपातकाल में ट्रेन के क्रू से बात कर सकें) दिए गए हैं, साथ ही सीसीटीवी लगाए गए हैं ताकि सुरक्षित सफर हो. आईसीएफ ऐसे छह ट्रेन सेट को जल्द ही उतारने वाली है.

ट्रेन सेट की खासियत

भारतीय रेलवे पर दौड़ने वाली आम ट्रेनों से एकदम अलग ट्रेन-18 बिना इंजन की होगी. सब-अर्बन ट्रेनों की तरह इस ट्रेन के दोनों छोर पर मोटर कोच होंगे, यानी ये दोनों दिशाओं में चल सकेगी. इस ट्रेन की अधिकतम स्पीड 170 किमी प्रतिघंटा के करीब रहने वाली है. यह ट्रेन पूरी तरह से वातानुकूलित होगी, सभी कोच एक दूसरे से कनेक्टेड होंगे. स्टेनलेस स्टील की बॉडी वाली इस ट्रेन में वाई-फाई, एलईडी लाइट, पैसेंजर इनफर्मेशन सिस्टम और पूरे कोच में दोनों दिशाओं में एक ही बड़ी सी खिड़की होगी.