हेमंत शर्मा, इंदौर। अक्सर सुर्खियों में रहने वाले बीजेपी नेता कैलाश विजयवर्गीय एक बार फिर चर्चा में हैं। इस बार मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने जिला निर्वाचन अधिकारी के हाथ से नामांकन पत्र वापस ले लिया। फिर उन्होंने नामांकन पत्र सीएम मोहन यादव को सौंपा और बीजेपी प्रत्याशी का नॉमिनेशन करवाया। नामांकन दाखिल करने के दौरान भाजपा प्रत्याशी शंकर लालवानी को उन्होंने भाव तक नहीं दिया। इस घटनाक्रम का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।

दरअसल, इंदौर से लोकसभा प्रत्याशी शंकर लालवानी का नामांकन दाखिल करने के लिए आज मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव इंदौर पहुंचे थे। मुख्यमंत्री मोहन यादव ने पहले सभा को संबोधित किया इसके बाद रैली में शामिल होकर कलेक्टर कार्यालय पहुंचे। इस दौरान कैबिनेट मंत्री कैलाश विजयवर्गीय और मुख्यमंत्री मोहन यादव ने लोकसभा प्रत्याशी शंकर लालवानी को महत्व भी नहीं दिया।

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निर्वाचन अधिकारी के पास पहले से मौजूद था नामांकन

शंकर लालवानी का नामांकन पहले से ही जिला निर्वाचन अधिकारी के पास मौजूद था। जिसे जिला निर्वाचन अधिकारी से वापस लेकर कैलाश विजयवर्गीय ने मुख्यमंत्री मोहन यादव के हाथ में दिया। इसके बाद मुख्यमंत्री मोहन यादव, कैलाश विजयवर्गीय और इंदौर लोकसभा प्रत्याशी शंकर लालवानी नामांकन जिला निर्वाचन अधिकारी को देते हुए नजर आए। मुख्यमंत्री इतनी जल्दबाजी में थे कि जिला निर्वाचन अधिकारी से रिसीविंग ले रहे लालवानी के लिए रुके तक नहीं।

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घटनाक्रम का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल

इसके बाद अकेले खड़े होकर जिला निर्वाचन अधिकारी के साथ शंकर लालवानी ने रिसीविंग लेकर फोटो खिंचवाया। इस पूरे घटनाक्रम का वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है। इस वीडियो में साफ दिखाई दे रहा है कि मुख्यमंत्री और कैबिनेट मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने शंकर लालवानी को बिल्कुल महत्व नहीं दिया है।

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