शिवा यादव,सुकमा. शुक्रवार को 11 महिलाओं समेत 53 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया. पुलिस अधीक्षक अभिषेक मीना के समक्ष सरेडर मिलिशिया सदस्यों ने विकास की मुख्यधारा में शामिल होकर सामान्य जीवन व्यतीत करने की इच्छा जताई. इनमें गगनपल्ली से 47 और गट्टापाड़ से 6 मिलिशिया सदस्य शामिल हैं. वहीं नक्सलियों द्वारा गांव से बेघर कर दिए गए 12 पीड़ित परिवारों को पुलिस ने आर्थिक मदद कर जीवन यापन की व्यवस्था की.

बता दें कि एसपी अभिषेक मीना के नेतृत्व में जिला पुलिस बल नक्सली इलाकों में विभिन्न जनजागरण अभियान चलाकर भटके हुए लोगों को मुख्यधारा में जुड़ने प्रेरित कर रही है. इसके चलते नक्सली संगठन लगातार दबाव महसूस कर रहे हैं. इसी का नतीजा है कि, छत्तीसगढ़ शासन की पुनर्वास, आत्मसमर्पण नीति से प्रभावित होकर शुक्रवार को 11 महिला समेत 53 मिलिशिया सदस्यों ने आत्मसमर्पण कर दिया. इनकी माने तो वे नक्सलियों के साथ कई कार्य कर चुके हैं.

सोमवार को नये पुलिस अधीक्षक कार्यालय में आयोजित प्रेसवार्ता में एसपी अभिषेक मीना ने बताया कि नक्सलियों द्वारा प्रताड़ित परिवारों को सरकार की पुनर्वास नीति के तहत उन्हें आर्थिक मदद की गई है. नक्सलियों ने 12 परिवारों को गांव से बेदखल कर उनके घर को उजाड़ दिया था.

राजस्व विभाग द्वारा उनकी संपत्ति के नुकसान का आंकलन आर्थिक सहायता प्रदान की गई है. वहीं नक्सलवाद से तंग आकर और गांव में मूलभूत सुविधाओं की मांग करते हुए गगनपल्ली और गट्टापाड़ इलाकें में विभिन्न नक्सली संगठनों में कार्यरत करीब 53 महिला एवं पुरुष सदस्यों ने सरेंडर किया है. उन्हें शासन की पुनर्वास नीति के तहत लाभ दिया जाएगा. अभिषेक मीना ने बताया कि प्रोत्साहन राशि भी दी गई है.