Varuthini Ekadashi 2024 : वैशाख मास में पड़ने वाली एकादशी तिथि को वरुथिनी एकादशी के नाम से जाना जाता है. ऐसा कहा जाता है, जो साधक इस कठिन व्रत का पालन करते हैं उन्हें धन और वैभव का वरदान मिलता है. इसके अलावा घर खुशियों से भरा रहता है. वैदिक पंचांग के अनुसार, वरुथिनी एकादशी के दिन त्रिपुष्कर योग, इंद्र योग और वैधृति योग का निर्माण हो रहा है. ज्योतिष की दृष्टि से ये सभी योग बेहद शुभ माने गए हैं.

ऐसा कहा जाता है अगर इस दौरान प्रभु विष्णु की पूजा की जाए, तो व्रत का पूरा फल  मिलता है. साथ ही भाग्योदय भी होता है. वरुथिनी एकादशी के दिन त्रिपुष्कर योग प्रातः 4 बजकर 3 मिनट पर शुरू होगा. वहीं, इसका समापन शाम 5 बजकर 12 मिनट पर होगा. इसके साथ ही इंद्र योग पूरे दिन रहेगा. इसके अलावा वैधृति योग प्रात: 8 बजकर 24 मिनट से एकादशी तिथि के समाप्त होने तक रहेगा.

वरुथिनी एकादशी पर क्या करें और क्या नहीं? (Varuthini Ekadashi 2024)

  • इस दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान करना चाहिए. साफ कपड़े पहनें और भगवान विष्णु के सामने व्रत रखने का संकल्प लें.
  • वरुथिनी एकादशी व्रत के दौरान व्रती को सोने, दूसरों को गाली देने और झूठ बोलने से बचना चाहिए.
  • एकादशी के दिन मांस मदिरा के अलावा किसी भी प्रकार की नशीली या तामसिक चीजों का सेवन नहीं करना चाहिए.
  • एकादशी के दिन गुस्सा करने से बचें. साथ ही इस दिन किसी के लिए भी अपशब्दों का इस्तेमाल न करें.
  • एकादशी तिथि के दिन तुलसी के पत्ते भूलकर भी न तोड़ें. एकादशी के दिन तुलसी तोड़ना भी अशुभ माना गया है, इसलिए एक दिन पहले ही इसके पत्ते तोड़कर रख लें.
  • एकादशी तिथि के दिन देसी घी का इस्तेमाल करने की सलाह दी जाती है. इस दिन अपने बाल धोने से बचें. दशमी तिथि के दिन ही बाल धो लेने चाहिए.
  • व्रती को एकादशी व्रत के दिन श्रीमद्भागवतम् या श्रीमद्भागवत गीता का पाठ जरूर करना चाहिए और साथ ही भगवान विष्णु के मंत्रों का जप करना चाहिए.
  • साथ ही एकादशी के दिन चावल का सेवन करना वर्जित माना गया है, इसलिए इस दिन अगर व्रत नहीं भी रखा तो भी चावल खाने से बचना चाहिए.