Sushil Modi Love Story: बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम और राज्यसभा सांसद सुशील कुमार मोदी (Rajya Sabha MP Sushil Kumar Modi death) का सोमवार शाम को दिल्ली AIIMS में इलाज के दौरान निधन हो गया। वे 72 साल के थे। बीते कुछ समय से गले के कैंसर (throat cancer) से पीड़ित थे। सुशील मोदी 1990 में वो सक्रिय राजनीति में आए थे। सुशील कुमार मोदी दो बार बिहार के डिप्टी सीएम रहे। राजनीतिक जीवन के साथ ही सुशील कुमार मोदी की प्रेम कहानी भी फिल्म से कम नहीं हैं। इस प्रेम कहानी की शुरुआत मुंबई से दिल्ली आ रही ट्रेन से शुरू होती है।
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बात साल 1985 की है जब सुशील मोदी पहली बार जेसी जॉर्ज से मिले थे। तब सुशील मोदी पटना विश्वविद्यालय (Patna University) के छात्र और साथ ही ABVP के सक्रिय सदस्य भी थे। यही कारण था कि उन्हें कई यात्राएं भी करनी पड़ती थी। वहीं उनकी पुत्नी जेसी जॉर्ज (jesse george) इतिहास में पीएचडी कर रही थीं।
इसी बीच एक बार वो बॉम्बे से जम्मू तक ट्रेन में सफर कर रहे थे। उस दौरान उनकी मुलाकात एक लड़की से हुई। जिनका नाम जेसी जॉर्ज था। दोनों लोग सेकंड क्लास बर्थ में यात्रा कर रहे थे। इसी दौरान दोनों की बातचीत शुरू हो गई। पहली ही नजर में दोनों एक दूसरे को भा गए और फिर बातचीत आगे बढ़ी। इसके बाद दोनों के बीच प्रेम पत्र लिखने का सिलसिला शुरू हुआ। लेकिन कहते हैं न प्यार के बीच में दीवान न हो एेसा हो नहीं सकता।
सुशील कुमार मोदी और जेसी जॉर्ज के प्यार के बीच में अलग-अलग धर्म दीवार बनकर खड़ी हो गई। जब घर वालों को दोनों की प्रेम कहानी के बारे में मालूम चला तो वो भड़क गए। उन्हें डर था कि कहीं ये प्यार की कहानी विवाद में न बदल जाए. दरअसल सुशील मोदी मारवाड़ी थे और जेसी जॉर्ज रोमन कैथोलिक थी। लिहाजा ये सब कुछ आसान नहीं था। राजनीति और RSS से सुशील मोदी का जुड़ाव भी जेसी जॉर्ज के परिवार को पसंद नहीं था। लिहाजा सुशील कुमार मोदी ने अपने प्यार को चुनते हुए 13 अप्रैल 1986 को पटना में जेसी से शादी कर ली।
अटल बिहारी वाजपेयी हुए थे शादी में शामिल
13 अप्रैल 1986 को पटना में सुशील मोदी और जेसी जॉर्ज की शादी हुई। इस दौरान अटल बिहारी वाजपेयी उनके शादी में शामिल होने के लिए पटना पहुंचे थे। उनकी शादी आर्य समाज रीति रिवाज से हुई थी।
शादी के छोड़ दी थी राजनीति
शादी के बाद उन्होंने राजनीति से दूरी बना ली थी।इसके बाद सुशील मोदी ने एक कंप्यूटर इंस्टीट्यूट खोला। हालांकि, इसमें भी वो ज्यादा समय मन लगा नहीं पाए। नियति भी कुछ और ही चाहती थी लिहाजा 1990 में वो विधानसभा पहुंच गए। जब सुशील मोदी बिहार के उप मुख्यमंत्री थे तब उनकी पत्नी कॉलेज में लेक्चरर थीं।
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