कुमार इंदर, जबलपुर। मध्य प्रदेश के जबलपुर में राघव वेयरहाउस का विधायक नीरज सिंह और प्रशासन ने औचक निरीक्षण किया। इस दौरान मौके पर पुराना, घुना हुआ और Non FAQ गेहूं स्टैक्स लगाकर कर भंडारित किया जाना पाया गया। बताया जा रहा है कि यह गेहूं सहकारी समिति द्वारा समर्थन मूल्य पर किसानों के नाम पर ख़रीदा गया है।
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मिली जानकारी के अनुसार कुल 212 किसानों से 25800 क्विंटल की गेहूं ख़रीदी दर्ज की गई है । जिसके आधार 4.56 करोड़ का भुगतान किया जा चुका है। वहीं जांच के दौरान कुल 13 स्टैक्स में से 2 स्टैक्स में अंदर की लेयर में पुराना, घुना हुआ और Non FAQ गेहूं पाया गया है। अन्य स्टैक्स में भी ख़राब गेहूँ भंडारित होने की आशंका है।
अधिकारीयों पर गिरी निलंबन की गाज
गेहूं ख़रीदी घपले में कथित संलिप्तता और लापरवाही बरतने वाले अधिकारीयों को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है। जिन अफसरों पर निलंबन की गाज गिरी है, उनमें नोडल अधिकारी रघुनाथ कुदौलिया सहकारिता निरीक्षक, जेएसओ भावना तिवारी और कुन्जम सिंह राजपूत शामिल है। वहीं शाखा प्रबंधक MPWLC प्रियंका पठारिया को निलंबित करने का प्रस्ताव MDWLC को दिया जा रहा है।
मिलीभगत से चल रहा था पूरा खेल- कलेक्टर
वहीं इस पूरे मामले में कलेक्टर ने कहा कि अधिकारियों की मिलीभगत से इस घोटाले को अंजाम दिया जा रहा था। वेयर हाउस, सहकारी समिति, वेलुअर से लेकर सरकरी कर्मचारी सभी की इसमें मिलीभगत थी। कलेक्टर ने माना कि गेहूं के बोरों में किसानों के नाम का टैग नहीं लगा था। 13 स्टैक्स बनाकर खराब और सड़े हुए गेहूं को रखा गया था। उन्होंने बताया कि ऊपर-ऊपर अच्छा गेहूं और अंदर खराब गेहूं रखा गया था। कलेक्टर ने कहा कि गेहूं का बचा हुआ पेमेंट रुकवाने का आदेश जारी कर दिए गए है। वहीं अपात्र किसानों को किया गया भुगतान वापस लाने की भी कोशिश होगी।
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