Honda Civic turned into Lamborghini : गुजरात स्थित यूट्यूबर तन्ना धवल सोशल मीडिया पर अपनी नई लेम्बोर्गिनी सुपरकार के लिए चर्चा में हैं. जहां लेम्बोर्गिनी खरीदना निश्चित रूप से कई लोगों का सपना हो सकती है. वहीं धवल की लेम्बोर्गिनी इस मायने में खास है कि कि उन्होंने इसे खुद बनाया है. गुजरात स्थित यह यूट्यूब क्रिएटर ने अपनी कस्टम लेम्बोर्गिनी को एक साल में बनाया है. जिसकी बॉडी के नीचे असल में 2008 की होंडा सिविक है. इस मॉडिफाइड कार के लिए उन्हें 12.5 लाख रुपये खर्च करने पड़े.
लेम्बोर्गिनी में मोडिफाई करने का वीडियो
धवल ने अपने यूट्यूब चैनल पर टेर्ज़ो मिलेनियो इलेक्ट्रिक कॉन्सेप्ट से इंस्पायर होकर होंडा सिविक को एक लेम्बोर्गिनी में मोडिफाई करने का वीडियो शेयर किया है. वीडियो में नई अपडेटेड कार का व्हील, डुअल डोर, लंबी विंडस्क्रीन के साथ कॉन्सेप्ट से काफी मिलता जुलता है. सिग्नेचर ट्राई-LED DRL, जो अब नए जमाने की लेम्बोर्गिनी कारों का हिस्सा हैं, उसको भी दोहराया गया है.
धवल ने खुलासा किया कि कस्टम-निर्मित कार के लिए कई अन्य हिस्सों के साथ-साथ डीपली मैन्युफैक्चरिंग प्रॉसेस की भी आवश्यकता होती है. उन्होंने बताया कि नए डिजाइन से मेल खाने के लिए चेसिस को सिविक पर काटना और फिर से डिजाइन करना पड़ा. इसके अलावा अधिकांश हिस्सों को कस्टम फैब्रिकेटेड किया गया है, जबकि कांच के हिस्सों को ब्लैक फिल्म के साथ ऐक्रेलिक शीट से बदल दिया गया है. हालांकि मॉडिफाइड कार की खिड़कियां नहीं खोली जा सकती.
बाइक का लगा है एग्जॉस्ट
वीडियो में साफ दिखता है कि Dhaval की टीम सिविक के कुछ पार्ट्स लेकर आती है जैसे कि कैबिन और इंजन. इसके बाद ये टेरजो मिलेनियो जैसा दिखने के लिए तैयार की गई फाइबरग्लास बॉडी से उसे ठक देते हैं. इसे तैयार करने में इन्होंने दूसरी गाड़ियों के कुछ हिस्सों का भी उपयोग किया है. यहां तक कि उन्होंने बेनेली 600i मोटरसाइकिल के एग्जॉस्ट सिस्टम का भी इस्तेमाल किया है.
हुंडई सैंट्रो का फ्यूल टैंक
इसमें हुंडई सैंट्रो का फ्यूल टैंक और मारुति सुजुकी ऑल्टो का सस्पेंशन सिस्टम शामिल है. गाड़ी का रेप्लिका असल लेम्बोर्गिनी कॉन्सेप्ट के बराबर स्पीड और अन्य चीजों की बराबरी तो नहीं कर सकता है. लेकिन कई मामलों में यह हुबहु Lamborghini Terzo Millennio कॉन्सेप्ट की तरह दिखती है. जो भी हो वीडियो ने साफ कर दिया है कि भारत में जुगाड़ू लोगों की कोई कमी नहीं है.
लोग खूब कर रहे हैं पसंद
हालांकि इस रेप्लिका में असली लेम्बोर्गिनी कॉन्सेप्ट जैसी स्पीड या फ्यूचरिस्टिक गैजेट नहीं हो सकते हैं, लेकिन यूट्यूबर के वर्जन में कई लोगों की दिलचस्पी जगाई है और इससे एक बार फिर साबित हो गया है कि इनोवेशन या ‘जुगाड़’ की भारत में कोई सीमा नहीं है.
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