Jhansi Lok Sabha Election. वीरांगना लक्ष्मीबाई की वीरता, साहस और आत्म सम्मान का प्रतीक माने जाने वाले शहर झांसी की पहचान पूरी दुनिया में है. ब्रिटिश राज में राजा गंगाधर राव एक बहुत अच्छे प्रशासक हुआ करते थे. वह उदार और सहानुभूतिपूर्ण राजा थे. 1842 में राजा गंगाधर राव की मणिकर्णिका से शादी हुई. शादी के बाद मणिकर्णिका को नया नाम लक्ष्मीबाई दिया गया. लक्ष्मी बाई ने 1857 में अंग्रेजों के खिलाफ अपनी सेना का कुशल नेतृत्व किया. लेकिन 1857 में संघर्ष के दौरान अपना जीवन बलिदान कर दिया.

झांसी लोकसभा सीट कभी कांग्रेस का गढ़ रही है. लेकिन वर्तमान में भाजपा का कब्जा है. इस सीट पर मध्य प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री रहीं उमा भारती सांसद रह चुकीं हैं. वर्तमान में भाजपा के अनुराग शर्मा सांसद हैं. भाजपा ने इस बार जीत की हैट्रिक लगाने के लिए दुबारा उन पर विश्वास जताया है. जबकि कांग्रेस ने पूर्व केंद्रीय मंत्री प्रदीप जैन ‘आदित्य’ को अपना गढ़ वापस लेने के लिए चुनावी रण में उतारा है. वहीं बसपा ने इस सीट पर अपना खाता खोलने के लिए रवि प्रकाश कुशवाहा पर दांव लगाया है. पिछले चुनाव में झांसी में भाजपा के अनुराग शर्मा ने सपा के श्याम सुंदर सिंह को हराया था.

वहीं लोकसभा चुनाव 2014 में मोदी लहर के दौरान भाजपा के टिकट पर उमा भारती ने सपा के चंद्रपाल सिंह यादव को हराकर करीब 14 साल बाद इस सीट पर दुबारा कमल खिलाया था. आजादी के बाद 1952 में हुए पहले चुनाव में कांग्रेस के रघुनाथ विनायक धुलेकर सांसद बने. इसके बाद 1957, 1962 और 1967 के चुनावों में कांग्रेस के सुशीला नैय्यर ने लगातार जीत की हैट्रीक लगाईं.

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1971 के चुनाव में कांग्रेस के टिकट पर गोविंद दास रिछारिया ने जीत हासिल की. इस चुनाव में सुशीला नैय्यर ने इंडियन नेशनल कांग्रेस ऑर्गनाइजेशन से चुनाव लड़ा और हार गईं. लेकिन कांग्रेस का यह विजय रथ 1977 के चुनाव रूक गया. इस चुनाव में भारतीय लोकदल के टिकट पर सुशीला नैय्यर ने कांग्रेस के गोविंद दास रिछारिया को हराकर जीत दर्ज की. फिर 1980 में हुए चुनाव में कांग्रेस ने वापसी की. तब विश्वनाथ शर्मा सांसद बने. फिर 1984 में कांग्रेस के सुजान सिंह बुंदेला सांसद बने.

भाजपा के राजेंद्र अग्निहोत्री ने 1989 के चुनाव में कांग्रेस के सुजान सिंह बुंदेला को हराकर पहली बार इस सीट पर कमल खिलाया. फिर उनके जीत का विजय रथ 1991, 1996, 1998 के चुनावों में भी चला. इस तरह राजेंद्र अग्निहोत्री लगातार चार बार सांसद चुने गए. लेकिन 1999 में कांग्रेस ने फिर वापसी की और सुजान सिंह बुंदेला सांसद चुने गए और उन्होंने भाजपा के राजेंद्र अग्निहोत्री को 82,521 वोट से हराकर जीत हासिल की. फिर 2004 के चुनाव में सपा ने इस सीट पर खाता खोलाङ चंद्रपाल सिंह यादव सांसद बने. फिर 2009 में कांग्रेस के प्रदीप जैन ‘आदित्य’ ने चुनाव जीता था.

इस लोकसभा चुनाव 2024 में भाजपा और कांग्रेस में कड़ा मुकाबला देखने को मिल रहा है. झांसी और ललितपुर जिले के 21,61,221 मतदाता आज अपना सांसद चुनेंगे. इस सीट पर किस्मत आजमा रहे 10 प्रत्याशियों के सियासी भविष्य का फैसला जनता करेगी. भाजपा, कांग्रेस और बसपा के अलावा अपना दल (कमेरावादी) के चंदन सिंह, अल हिंद पार्टी के दीपक कुमार वर्मा और चार निर्दलीय प्रत्याशी भी मैदान पर हैं.

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