Indian Army Use Hydrogen Bus : भारतीय सेना भी अब वाहनों से होने वाले प्रदूषण को कम करने की मुहिम में शामिल हो गई है. इंडियन ऑयल की ओर से सेना को खास तरह के ईंधन से चलने वाली बस को सौंपा गया है. इस तकनीक से चलने वाली बस की क्‍या खासियत है. हम आपको इस खबर में बता रहे हैं.

सेना को मिली पहली हाइड्रोजन बस

बता दें कि 21 मार्च 2023 को भारतीय सेना ने उत्तरी सीमा पर ग्रीन हाइड्रोजन आधारित माइक्रोग्रिड पावर प्लांट की स्थापना के लिए नेशनल थर्मल पावर कॉरपोरेशन रिन्यूएबल एनर्जी लिमिटेड के साथ समझौता किया था. सेना ऐसा करने वाली पहली सरकारी इकाई थी.

रक्षा मंत्रालय के मुताबिक लेह- लद्दाख के चुशूल में एक पायलट प्रोजेक्ट भी स्थापित किया जा रहा है, जहां 200 किलो वाट ग्रीन हाइड्रोजन पर आधारित माइक्रोग्राम इस दुर्गम इलाके की चरम जलवायु परिस्थितियों में तैनात सैनिकों को स्वच्छ बिजली प्रदान करेगा. इस नई परिवहन तकनीक को अपनाने के लिए भारतीय सेना ने इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन लिमिटेड (IOCL) के साथ सहयोग किया है.

क्‍या है खासियत (Indian Army Use Hydrogen Bus)

भारतीय सेना को इंडियन ऑयल की ओर से जिस हाइड्रोजन बस को दिया गया है, उनमें 37 लोगों के बैठने की क्षमता है. इसके टैंक को एक बार में 30 किलोग्राम हाइड्रोजन से भरा जा सकता है. जिसके बाद बस को करीब 250 से 300 किलोमीटर तक चलाया जा सकता है.

नई तकनीक पर चल रहा काम

केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्रालय की ओर से लगातार वाहनों में नई तकनीक पर काम किया जा रहा है. केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी भी हाइड्रोजन से चलने वाली कार का उपयोग करते हैं. इसके अलावा टाटा, रिलायंस जैसी कंपनियां भी हाइड्रोजन से चलने वाली बसों पर काम कर रही हैं.