Speek Delay In Children : बच्चे का पहला शब्द, तोतली बोली में बातें करना, अपने पसंद की चीजों को इशारों से नहीं बल्कि बोलकर मांगना जैसी चीजें किसी भी पेरेंट्स के लिए एक खुशनुमा पल होता है. कम उम्र से ही शिशुओं को बोलने और बात करने के लिए कई पेरेंट्स ट्रेनिंग देना शुरू कर देते हैं, लेकिन वहीं कुछ पेरेंट्स ऐसे भी हैं, जो बच्चों को चुप कराने या उन्हें व्यस्त रखने के लिए फोन दें देते हैं. माता-पिता अपने बच्चों के साथ बात करने के लिए समय भी नहीं निकाल पाते हैं, जिसके कारण अक्सर कई बच्चे देरी से बोलना शुरू करते है.
आज हम आपको ऐसी ही कुछ गलतियों के बारे में बताएंगे जो बच्चों के देरी से बोलने का कारण बन सकते हैं, और यह भी की बच्चों को जल्दी बोलने के लिए कैसे प्रोत्साहित करें?
ये है बच्चे के देर से बोलने का कारण (Speek Delay In Children)
बच्चों से काम बात करना
बढ़ते बच्चे बातचीत और अपने आसपास होने वाली आवाजों के संपर्क के माध्याम से बोलना सीखते हैं. ऐसे में बच्चों से कम या न के बराबर बातचीत करना उनकी भाषा और बोली के विकास को बाधित कर सकता है.
बहुत ज्यादा स्क्रीन समय देना
स्क्रीन टाइम की मदद से भी बच्चे बोलना सीख सकते हैं, लेकिन बहुत ज्यादा स्क्रीन टाइम देने से बच्चे वास्तविक दुनिया में बातचीत और बोलना सीखने में पीछे रह जाते हैं, जिससे बच्चे ज्यादा शब्दों का उपयोग करना देर से या धीरे-धीरे सीख पाते हैं.
बच्चों को कहानी किताबें न सुनाना
बच्चे के साथ पढ़ना उनके नए शब्दों और बोली के विकास को बढ़ावा देता है. ऐसे में पेरेंट्स जब बच्चों के साथ कम समय गुजारते हैं और उन्हें कहानियों या अन्य बच्चों से जुड़ी किताबें पढ़कर नहीं सुनाते हैं तो उनके बोली कौशल में कमी आ सकती है.
बच्चे को जल्दी बोलना ऐसे सिखाएं
बातचीत पर ध्यान दें
अपने बच्चे से बात करें, उनके साथ गाना गाने या गुनगुनाने की कोशिश करें, दूसरी आवाजों की नकल करने के लिए उन्हें प्रोत्साहित करें और जितना हो सके शिशुओं से आम बोली में ज्यादा बात करने पर ध्यान दें.
कम उम्र से किताबे पढ़ाएं
जब आपका बच्चा शिशु हो तब से ही उन्हें पढ़ाना शुरू कर दें. उनके उम्र के उपयुक्त कई तस्वीरों या कहानियों की किताबें मार्केट में उपलब्ध हैं, जिसमें बच्चों को फोटो दिखाकर उनका नाम बताकर आप उन्हें बोलने के लिए प्रोत्साहित कर सकते हैं.
रोजमर्रा की स्थितियों का उपयोग करें
अपने बच्चे की वाणी और भाषा को बेहतर बनाने के लिए दिन भर अपने तरीके से उनसे बात करने की कोशिश करें. किराने की दुकान पर खाद्य पदार्थों के नाम बताइए, समझाइए कि खाना पकाते समय या कमरा साफ़ करते समय आप क्या कर रहे हैं, और घर के आस-पास की चीजों की ओर इशारा करके उन्हें उनके बारे में बताएं.
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