पंकज सिंह भदौरिया,दन्तेवाड़ा. छत्तीसगढ़ राज्य में दन्तेवाड़ा जिला आदिवासी ट्रायबल जिले में गिना जाता है, जिसमें राज्य सरकार स्वास्थ्य में करोड़ों अरबों रुपए योजनाओं के नाम पर लगातार देती रही है. मगर इन्ही योजनाओं पर क्रियान्वयन के नाम पर मरीजों की थालियों पर डाका डालकर कैंटीन चलाने के नाम पर गोरखधंधा चलाया जा रहा है और कमीशन का प्रसाद ग्रहण कर स्वास्थ्य विभाग आंखे बंद कर कैंटीनसंचालक को सह भी दे रहा है.
ताजा मामला दन्तेवाड़ा जिला अस्पताल में मरीजों को डाइट के हिसाब से भोजन देने के लिए नियुक्त कैंटीन संचालक नसीर खान के खिलाफ मरीज हाथों में बने हुए भोजन की गुणवत्ता को लेकर सीएमओ एचएल ठाकुर के दफ्तर शिकायत करने पहुँचा हुआ था. मगर सीएमओ छुट्टी पर होने की वजह से मरीज बैरंग लौट गया.
जब मरीज सीएमओ के दफ्तर शिकायत लेकर पहुँचा, तो उसी दौरान वहां लल्लूराम डॉट कॉम के संवाददाता पकंज सिंह भी मौजूद थे. खाने की थाली में मरीज महज पतली दाल और चावल पकड़ा हुआ था. जिसकी गुणवत्ता देखने में बेहद ही खराब नजर आ रही थी. जिसके बाद कैंटीन संचालक मरीज को जबरन धमका रहा था कि समय के बाद लोगों को भोजन में दाल-चावल तो मिलेगा. मरीज लगातार गुणवत्ता को लेकर सवाल उठा रहा था मगर केंटीन संचालक उसे खरी खोटी सुना रहा था.
मीडिया को देख कैंटीन संचालक दुम दबाकर वहाँ से चंपत हो गया. भागते हुए कैंटीन संचालक नसीर खान से जब हमने मामले के बारे में पूछा तो उन्होंने कहा डायटीशियन के मुताबिक भोजन दिया जाता है समय के बाद ये पहुँचे इसलिए रोटी, सब्जी इन्हें नहीं मिल सका. इन सब विवादों का सिलसिला जिला अस्पताल में आए दिन का होना बताया जा रहा है.
सिविल सर्जन रामलाल गंगेश के मुताबिक मरीज समय से लेट पहुँचा था इसलिए उसे दाल चावल मिला. इसका पता लगवाया गया और डायटीशियन के हिसाब से भोजन की शिकायत पर जांच कर कार्रवाई करने की बात कहीं है.