Shubh Muhurat For Kitchen Garden : भारत कृषि प्रधान देश है. खेती से जुड़े हुए कार्यों के लिए ज्योतिषीय मुहूर्तों का ध्यान रखा जाए तो लाभ में वृद्धि होती है. ग्रहों की गति न सिर्फ मानव को प्रभावित करती है अपितु पेड़-पौधों, जीव जन्तुओं पर भी अपना असर छोड़ती है. समय का प्रभाव जड़-चेतन दोनों पर पड़ता है.

खेत में सही समय पर अगर बीज बोया जाए तो फसल उत्पादन का पूर्ण प्रतिशत प्राप्त होता है. जिस प्रकार सही समय पर सही कार्य करने वाला व्यक्ति हमेशा सफल होता है, उसी प्रकार अगर किसान भाई मुहूर्त के अनुसार बीजारोपण करें, सिंचाई करें, अन्न का क्रय-विक्रय और संग्रह करें अथवा कृषि भूमि खरीद-फरोख्त करें तो उन्हें ग्रह मुहूर्त का बल भी सफलता प्रदान करेगा.

हल चलाने का मुहूर्त (Shubh Muhurat For Kitchen Garden)

पुनर्वसु, पुष्य, उत्तराषाढ़ा, रोहिणी, मृगशिरा, हस्त, चित्रा, स्वाति, अनुराधा, रेवती, श्रवण, धनिष्ठा, शतभिषा, अश्विनी नक्षत्रों में तथा सोमवार, बुधवार, गुरुवार व शुक्रवार को तथा प्रतिपदा, पंचमी, एकादशी, त्रयोदशी व पूर्णिमा तिथियों में वृष, मिथुन, कन्या, मीन लग्न में हल चलाएं.

बीजरोपण का मुहूर्त (Shubh Muhurat For Kitchen Garden)

हस्त, चित्रा, स्वाति, मघा, पुष्य, उत्तरा, रोहिणी, मृगशिरा, धनिष्ठा, रेवती, अश्विनी, मूल, अनुराधा नक्षत्रों में सोमवार, बुधवार, शुक्रवारों में चतुर्थ, षष्ठी, नवमी, चतुर्दशी व अमावस्या तिथियों को छोड़कर अन्य शुभ तिथियों में बीज बोना शुभ माना गया है.

फसल काटने का मुहूर्त

पूर्वाषाढ़ा, उत्तराषाढ़ा, मघा, आश्लेषा, ज्येष्ठा, आर्द्रा, धनिष्ठा, स्वाति नक्षत्रों में प्रतिपदा, चतुर्थी, नवमी, चतुर्दशी तिथियों में मंगल को छोड़कर वृष, सिंह, वृश्चिक व कुंभ लग्न में फसल काटना शुरू करना चाहिए.

सिंचाई करने का मुहूर्त

चित्रा, उत्तराषाढ़ा, स्वाति, मूल, रोहिणी, धनिष्ठा, मृगशिरा, पुष्य, अश्विनी, अनुराधा, नक्षत्रों में मंगल, बुध, शनिवार और रविवार को छोड़कर फसल को पहला पानी देना चाहिए.

कृषि भूमि खरीदी का मुहूर्त

मृगशिरा, पूर्वा, अश्लेषा, मघा, विशाखा, अनुराधा और पुनर्वसु नक्षत्रों में तथा गुरुवार एवं शुक्रवार को और प्रतिपदा, पंचमी, षष्ठी और पूर्णिमा को करें.