नईदिल्ली. अमरीकी अंतरिक्ष यात्री नील आर्मस्ट्रांग 49 साल पहले 20 जुलाई 1969 को चांद की सतह पर कदम रखने वाले पहले मानव बने थे. इस घटना को ज्यादातर लोग वास्तविक मानते रहे हैं, लेकिन आज भी एक वर्ग को अमरीका की इस उपलब्धि पर शक है. यही वजह है कि अमरीका का पारंपरिक प्रतिद्वंदी रूस अब इस घटना की औपचारिक तौर पर जांच करने जा रहा है.
रूस की अंतरिक्ष एजेंसी ‘रोसकॉसमॉस’ के प्रमुख दिमित्री रोजोजिन ने कहा कि रूस के प्रस्तावित मिशन में अमरीकी अंतरिक्ष यात्रियों के चांद पर उतरने की घटना की जांच की जाएगी. रोजोजिन ने शनिवार को ट्विटर में वीडियो पोस्ट कर कहा है कि हमने उनके (अमरीकियों) वहां (चांद) पर थे या नहीं की पड़ताल करेंगे. रोजोजिन 50 साल पहले नासा के चांद पर वास्तव में उतरने के सवाल पर जवाब दे रहे थे. हालांकि, उनका यह जवाब बहुत कुछ मजाकिया अंदाज में था, लेकिन अमरीका की इस उपलब्धि को हमेशा से ही रूस में संदेह की दृष्टि से देखा जाता रहा है.
चार असफलताओं के बाद योजना को दे दी थी तिलांजलि
रूस (सोवियत यूनियन) ने 70 के दशक में अपने चांद पर उतरने की योजना को तिलांजलि दे दी थी, जब उनके एक-एक कर चार प्रायोगिक चंद्रयान फट गए थे. वर्ष 2015 में रूस के जांच कमेटी के पूर्व प्रवक्ता ने नासा के चांद पर उतरने की घटना की जांच की मांग की थी.