प्रयागराज. उत्तर प्रदेश के राजू पाल हत्याकांड मामले में न्यायमूर्ति राजीव गुप्ता और न्यायमूर्ति अज़हर हुसैन इदरीसी की खंडपीठ ने इसरार की अपील पर सुनवाई की. सीबीआई की विशेष अदालत लखनऊ ने 4 अप्रैल 2024 के फैसले को चुनौती देते हुए सजा को निलंबित करने औऱ जमानत पर रिहा करने की मांग की है.

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दरअसल, जनवरी 2005 में बसपा विधायक राजू पाल की प्रयागराज के धूमनगंज थानाक्षेत्र के सुलेमसराय में दिनदहाड़े हत्या कर दी गई थी. हत्यारों ने फिल्मी अंदाज में राजू पाल और अन्य घायलों को अस्पताल ले जाते समय रास्ते में गोली मार कर मौत नींद सुला दी थी. इस सनसनीखेज़ हत्याकांड में पूर्व सांसद अतीक अहमद, पूर्व विधायक मोहम्मद अशरफ उर्फ खालिद अजीम सहित दर्जनों लोगों को नामजद किया गया था.

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गौरतलब है कि राजू पाल की पत्नी विधायक पूजा पाल की मांग पर मामले की जांच सीबीआई को सौंप दी गई. सीबीआई की विशेष अदालत ने सात आरोपियों को सजा सुनाई थी. इसमें सज़ा सुनाने से पहले ही अतीक व अशरफ की भी हत्या हो चुकी थी. इसलिए उनके खिलाफ मामले को दबा दिया गया था.

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