भोपाल। उत्तर प्रदेश के हाथरस में सत्संग के दौरान मची भगदड़ में 121 लोगों की मौत की पुष्टि हो गई है। इस दुर्घटना में मध्य प्रदेश की एक महिला की भी मौत हो गई है। ग्वालियर की रहने वाली रामश्री सिंह की जान चली गई है। वहीं अन्य 3 महिलाएं सकुशल हैं। इसकी जानकारी मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने देते हुए सोशल मीडिया पर इस हादसे को लेकर दुख जताया और मृतक को श्रद्धांजलि दी है।
मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने सोशल मीडिया एक्स पर पोस्ट कर लिखा, “उत्तर प्रदेश के हाथरस में कल सत्संग के दौरान भगदड़ में ग्वालियर की हमारी बहन रामश्री धर्मपत्नी दयाल सिंह जी के निधन का समाचार अत्यंत दुखद है। ईश्वर की कृपा से सत्संग में शामिल होने गई म.प्र. की 3 अन्य महिलाएं सकुशल हैं। हम स्थानीय पुलिस-प्रशासन से संपर्क में हैं। बाबा महाकाल से प्रार्थना है कि दिवंगत आत्मा को मोक्ष प्रदान करें तथा शोकाकुल परिजनों को गहन दु:ख सहन करने की शक्ति प्रदान करें। ॐ शांति।”
गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश के हाथरस जिले के फुलरई गांव में मंगलवार को भोले बाबा के सत्संग के दौरान भगदड़ मच गई।हादसे में अब तक 121 लोगों की मौत हो चुकी है और लगभग 150 लोग घायल हैं। वहीं, सत्संग करने वाले भोले बाबा उर्फ नारायण साकार हरि अब तक गायब है। सत्संग में भगदड़ को लेकर बड़ा खुलासा हुआ है। बताया जा रहा है कि भोले बाबा अपने पास खास पानी रखने का दावा करता था। वह कहता था कि मै जाे पानी दूंगा उसे पीने से और मेरे चरणों की धूल लगाने से सभी बीमारियां खत्म हो जाएगी।
हाथरस दुघर्टना के आरोपी भोले बाबा का असली नाम सूरजपाल उर्फ नारायण हरि है। यह एटा के रहने वाला है। बाबा ने खुद की एक आर्मी बना रखी है। उसके खिलाफ यौन शोषण समेत पांच मामले दर्ज हैं। यही नहीं, सियासत से भी उसका गहरा कनेक्शन है। कुछ मौकों पर यूपी के कई बड़े नेताओं को उसके मंच पर देखा गया है। इसमें समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव का नाम भी शामिल है।
भोले बाबा को लोग प्रभु एवं परमात्मा भी कहते हैं। जैसे आमतौर एक-दूसरे से मिलने पर हम लोग नमस्ते, राम-राम करते हैं। मगर भोले बाबा के समर्थक नमस्ते की जगह ‘परमपिता परमेश्वर की संपूर्ण ब्रहमांड में सदा सदा के लिए जयजयकार हो जयजयकार हो’ कहते हैं। लोग भोले बाबा को परमपिता परमेश्वर मानते हैं। पूरा सत्संग बेहद गूढ़ होता है मगर ‘भोले बाबा’ परमपिता परमेश्वर की बातें करता है। खुद को परमपिता परमेश्वर नहीं कहता।
सरकारी नौकरी से बर्खास्त, फिर बदला नाम, पहचान और बन गया बाबा
नारायण हरि का एटा में ही जन्म हुआ था। सरकारी नौकरी से बर्खास्त होने के बाद उसने अपने नाम बदल लिया और पहचान भी बदल ली। यह नाम उसने जेल से छूटने के बाद बदला है और फिर बाबा बन गया। उसकी पत्नी भी समागम में साथ रहती है। यह अन्य बाबाओं की तरह भगवा पोशाक नहीं पहनता है। बल्कि अपने सत्संग में सफेद सूट और सफेद जूते में नजर आता है। कई बार कुर्ता पजामा और सिर पर सफेद टोपी भी लगाकर सत्संग करने पहुंचता है। अब इसके आगे की सच्चाई के बारे में यूपी पुलिस जल्द खुलासा करेगी।
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