Hathras Stampede. उत्तर प्रदेश के हाथरस में सत्संग के दौरान मची भगदड़ में अब तक 124 लोगों की मौत हो चुकी है. वहीं लगभग 150 लोग घायल हैं. इस मामले में पुलिस ने अब तक 20 लोगों को गिरफ्तार किया है, लेकिन ‘भाेले बाबा’ पर एफआईआर भी नहीं हुई है. वहीं पुलिस इसकी तलाश में यूपी और एमपी का खाक छान रही है. हादसे के दो दिन बाद भी पुलिस इस बाबा को नहीं पकड़ पाई है.
बता दें कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस मामले की जांच के लिए एसआईटी बना दी है. हाईकोर्ट के रिटायर्ड जज इस मामले की जांच करेंगे. लेकिन हैरानी वाली बात ये है कि जिस बाबा के सत्संग में लाशों का ढेर लग गया उस नारायण साकार हरि उर्फ भोले बाबा का नाम एफआईआर में नहीं है. इसे लेकर कई सवाल खड़े हो रहे हैं. आखिर जिस बाबा के प्रवचन की वजह से इतनी भीड़ जुटी और यह हादसा हुआ, उसे भी आरोपी क्यों नहीं बनाया गया है. कौन बाबा को संरक्षण देता है?
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पुलिस ने 20 लोगों को किया गिरफ्तार
इस मामले में पुलिस ने 20 लोगों को गिरफ्तार किया है. पुलिस गिरफ्तार सेवादारों से पूछताछ कर रही है. हाथरस पुलिस ने 7 टीमों को गठन किया. टीमें मुख्य सेवादार देवप्रकाश मधुकर की तलाश कर रही हैं. पुलिस के मुताबिक, हाथरस में सत्संग के बाद जिस समय भगदड़ मची, उस वक्त मौके पर बाबा नहीं थे. भोले बाबा बाबा का इस हादसे में सीधे कोई रोल नहीं है. इसलिए वह अभी तक आरोपी नहीं हैं.
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बाबा ने कही ये बात
हादसे के 24 घंटे बाद भोले बाबा का पहला बयान आया है. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के वकील एपी सिंह के जरिए लिखित बयान जारी किया. बाबा की तरफ से कहा गया, “मैं जब समागम से निकल गया, इसके बाद हादसा हुआ. असामाजिक तत्वों ने भगदड़ मचाई. इन लोगों के खिलाफ लीगल एक्शन लूंगा. घायलों के स्वस्थ होने की कामना करता हूं.”
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