नई दिल्ली . दिल्ली सरकार ने अपने अधिकारियों और एनडीआरएफ की टीमों के साथ एक हाई लेवल बैठक की। इस बैठक का एजेंडा रहा आने वाले दिनों में अगर ज्यादा बारिश होती है तो पिछले साल जैसे हालात दिल्ली में ना बने। इसके बाद आतिशी ने कहा कि सरकार बाढ़ की हर स्थिति से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार है. आईटीओ बैराज के सभी गेट खुलवा दिए गए हैं.
बैठक के बाद दिल्ली सचिवालय में आयोजित पत्रकारवार्ता में आतिशी ने बताया कि दिल्ली में पिछले साल यमुना के जलस्तर का 70 साल का रिकॉर्ड टूट गया था. इससे पहले 17 जुलाई 2023 में यमुना का जलस्तर खतरे के निशान से काफी ऊपर चला गया था. मानसून में यमुना में बाढ़ की आशंका बढ़ जाती है, इसलिए उससे निपटने की तैयारियों को लेकर एपेक्ट कमेटी की बैठक हुई है, जिसमें बाढ़ से निपटने को लेकर सभी तैयारियों पर चर्चा हुई. इस दौरान जलभराव रोकने के लिए डीसिल्टिंग, यमुना की सफाई, राहत-बचाव के लिए नाव व अन्य उपकरणों की तैयारियों समेत अन्य विषयों पर चर्चा हुई.
उन्होंने बताया कि बाढ़ नियंत्रण के लिए 24 घंटे 7 दिन चलने वाला कंट्रोल रूम पूर्वी दिल्ली जिलाधिकारी कार्यालय में चालू कर दिया गया है. यह हथिनीकुंड बैराज से सीधे संपर्क में रहेगा. वहां से छोड़े जाने वाले पानी का रियल टाइम अपडेट यहां मिलता रहेगा. यदि 1 लाख क्यूसेक से अधिक पानी छोड़ा जाता है तो तुरंत राहत-बचाव करने वाली टीम अलर्ट मोड पर आ जाएंगी. बैठक में दिल्ली सरकार के अलावा पुलिस, NDRF समेत अन्य विभागों के अधिकारी मौजूद रहे. NDRF ने राहत-बचाव को लेकर अपनी तैयारियों की जानकारी दी.
पहले इसलिए बिगड़ी थी स्थिति…
पिछली बार यमुना में आई बाढ़ से सबक के सवाल पर सौरभ भारद्वाज ने कहा कि दिल्ली में यमुना का जलस्तर इसलिए बढ़ा था कि हथिनीकुंड बैराज से ज्यादा पानी छोड़ा गया था. वह दिल्ली के हिस्से का नहीं था. उस वक्त पानी बढ़ने की जो बात कही थी, वहीं बात रिपोर्ट में भी सामने आई है. आईटीओ बैराज का गेट बंद होने से जलस्तर बढ़ा था.
झूठे दावे कर रही है आप सरकार भाजपा दिल्ली भाजपा अध्यक्ष वीरेन्द्र सचदेवा ने कहा है की दिल्ली की सिंचाई और बाढ़ नियंत्रण विभाग की मंत्री झूठे दावों में लगी हैं. उनके पास जल बोर्ड का भी जिम्मा है. पहले गर्मी में दिल्लीवालों को पानी नहीं दिया गया. पानी आपूर्ति के दावे किए गए, लेकिन जून में ये सभी दावे हवाई निकले और राजधानी में पानी के लिए हाहाकार मच गई. इसके बाद नालों की सफाई पर सरकार ने दावे किए, लेकिन 28 जून को आई बारिश में वे दावे धुल गए और पूरा शहर बारिश से बेहाल हो गया. अब उनके बाढ़ नियंत्रण के दावे को सुनकर दिल्लीवाले परेशान हैं कि आखिर आगे क्या होगा.
इस बार सरकार की तैयारियां
● आईटीओ बैराज के सभी गेट को खुलवा दिया गया हैं, जो नहीं खुले उन्हें कटवा दिया गया है.
● यमुना के अंदर जहां-जहां बड़े टापू बन गए थे, जिससे पानी का बहाव रुकता था, उन सब टापू के अंदर पायलट कट लगाया है. इससे पानी का बहाव बढ़ेगा तो यमुना के अंदर का सारा सिल्ट पानी बहाकर ले जाएगा.
● निर्माण कार्य कर रही एजेंसियों से कहा गया है कि वह पानी की रुकावटों को ज्यादा से ज्यादा कम करें. उसे भी राहत मिलेगी.
● बाढ़ नियंत्रण विभाग का कंट्रोल रूम कंप्यूटराइज्ड है. पहले मैनुअल पूछना पड़ता था, अब हथिनीकुंड बैराज से हमें रियल टाइम डाटा मिलने से कार्य करने में आसानी होगी .
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