अनिल सक्सेना, रायसेन। बिहार के चारा घोटाला जैसा ही मामला अब मध्य प्रदेश के रायसेन से सामने आया है। ये मामला सिलवानी जनपद पंचायत के साईंखेड़ा ग्राम पंचायत में बनी गौ शाला में पशु आहार घोटाला का मामला सामने आया है। 2022 में बनी गौ शाला को गौ संवर्धन बोर्ड द्वारा मदद दी जाती है।

हर तीन महीने में बोर्ड से पशु आहार आता है ओर पैसे आते है, लेकिन पशु आहार गौ शाला ना जाकर सरपंच शैलेन्द्र रघु के घर रखा जाता था और बीते दो दिन पहले सरपंच के खेत में दफन पशु आहार मिला था। हालांकि प्रशासन की मिली भगत से उसे रातों रात पानी में बहा दिया गया। अब जो बचा है उसकी जांच की जा रही है। लेकिन सवाल यह उठता है, गोशाला का पशु आहार क्यो सरपंच अपने घर रखवाता था ओर 2023 में 9 माह बंद गोशाला का कैसे 15 लाख 93 हजार रुपए सरपंच ने निकाल लिए। इन सबकी जांच के लिए एसडीएम सीईओ अपने- अपने स्तर पर लगे हुए हैं।

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मामले में सचिव से लेकर जिला पंचायत तक मामले में लिप्त नजर आ रहे है। बतादें कि, ग्राम पंचायत में दो-दो सचिव कार्यरत है। गौशाला की राशि 15 लाख 93 हजार जून माह के आखिर में निकाल लिया गए। फिर 1 जुलाई से प्रकाश स्वसहायता समूह को जिला पंचायत ने गौ शाला संचालन की जिम्मेदारी दे दी। ऐसे में 15 लाख 93 हजार सरपंच सचिव डकार गए।

जिले के सिलवानी तहसील के साईंखेड़ा में सरपंच के खेत पर मिले पशु आहार के मामले में नया मोड़ आया है। जहां सरपंच सहित स्थानीय ग्रामीणों ने सचिव हनुमंत रघुवंशी पर गंभीर आरोप लगाए हैं। वहीं सचिव ने मीडिया से चर्चा करते हुए बताया कि, सरपंच द्वारा दवाव डाल पर 15 लाख 93 हजार रुपए की राशि निकालने की बात की जा रही थी। लेकिन उसने सरपंच की एक न सुनी तो सरपंच ने जिला पंचायत प्रशासन के द्वारा सचिव का वित्तीय अधिकार समाप्त करवा दिया। नए सचिव को पंचायत का वित्तीय अधिकार दे दिया और शुरू हो गया भृष्टाचार का खेल।

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वहीं सरपंच माधव सिंह रघुवंशी सहित सभी ग्रामीणों ने सचिव हनुमत सिंह पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा है कि, सचिव द्वारा सरपंच को सही ढंग से काम नहीं करने दिया जा रहा है। तो वहीं खेत में गड़ा मिला पशु आहार भी सचिव द्वारा ही रखा गया है। दूसरी ओर सरपंच ने अपनी सफाई में सचिव पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि, सचिव को कैसे मालूम कि मेरे खेत में कहा पशु आहार गड़ा है। इसका मतलब साफ है कि सचिव द्वारा ही पशु आहार को गढ़ाया गया है और मेरे ऊपर कारवाई करने के लिए यह ऐसा काम किया गया।

मामले को लेकर एसडीएम ने कहा कि जांच कर कार्रवाई की जाएगी। वहीं स्वसहायता समूह के प्रतिनिधि ने बताया कि मुझे कार्यभार सौंपा था उस समय जो सामग्री मिली थी बह यथावत है। अब जांच के बाद सिद्ध होगा कि वास्तविक दोषी कौन है।

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