सुनील जोशी, अलीराजपुर। मध्य प्रदेश के अलीराजपुर में गौवंश सड़कों पर न भटके इसके लिए जिले में लाखों रुपए खर्च कर सरकार ने जिला मुख्यालय पर आदर्श गौशाला बनवाई है। इसके बावजूद जोबट शहर में गौवंश की दुर्दशा देखी जा रही है। जिला मुख्यालय पर बनाई गई आदर्श गौशाला में 100 गायों को रखने की क्षमता है लेकिन मात्र 15 गाय वहा पर रखी गई है और गौशाला खाली है।

जोबट शहर में बड़ी संख्या में गोवंश कॉलेज चौराहे से लेकर कृष्ण मंदिर तक जगह-जगह डेरा जमाई बैठी रहती है। जिसके कारण सड़कों पर दुर्घटना हो रही है। इसी बीच शहर से एक वीडियो भी सामने आया, जहां गौ माता सड़क पर पड़े कचरे का प्लास्टिक खाकर अपना पेट भरते हुए दिखाई दे रही है। वहीं 4 जुलाई को अलीराजपुर कलेक्टर ने गौशाला संचालकों की बैठक रखी थी, बैठक में प्रशासन की ओर से निर्णय लिया गया था कि जो भी गाय सड़कों पर घूमती नजर आएगी, उसके मालिक के खिलाफ चालानी कार्रवाई की जाएगी।

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इसके साथ ही चालानी कार्रवाई के बाद भी अगर गाय सड़क पर घूमती नजर आती है, तो नगर पंचायत उन्हें जब्त कर गौशाला को देगी। कलेक्टर का निर्णय जमीनी स्तर पर कागजी साबित हो रहा है क्योंकि जोबट शहर में आज भी सड़कों पर गाय डेरा डालकर बैठी है, जिसके चलते कई बार रात में सड़कों पर दुर्घटना होती है।

वहीं मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा था कि, प्रदेश में गौ-माता और गौ-वंश के संरक्षण के लिए सभी आवश्यक कदम उठाए जाएंगे। गौ-शालाओं के बेहतर संचालन के लिए उन्हें दी जा रही राशि में वृद्धि की बात भी कही है। गौ-रक्षा संवाद निरंतरता से होता रहेगा। उन्होंने विश्वास दिलाया की गौ संरक्षण जैसे महत्वपूर्ण विषय पर विचार-विमर्श की प्रक्रिया जारी रहेगी, जिससे गायों और गौ-शालाओं के बेहतर प्रबंधन के उपाय किए जा सकें। लेकिन अलीराजपुर जिले में मुख्यमंत्री के बेहतर प्रबंधन की धज्जियां उड़ रही है।

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