Kedarnath Mandir : केदारनाथ धाम के नाम से मंदिर बनाने को लेकर उठे विवाद के बीच उत्तराखंड सरकार ने एक अहम फैसला लिया है. सीएम के सचिव शैलेश बगौली ने बताया कि बीते गुरुवार को सीएम पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में कैबिनेट बैठक की बैठक हुई है. इसमें निर्णय लिया गया है कि उत्तराखंड के चारधाम और अन्य प्रमुख मंदिरों के नाम पर कोई ट्रस्ट, मंदिर या समिति नहीं बनेगी. इसके लिए सरकार सख्त कानून लाने का प्रावधान करेगी.

अगर कोई भी केदारनाथ, बद्रीनाथ, यमुनोत्री और गंगोत्री धाम के नाम से मिलते-जुलते मंदिर बनाएगा, तो सरकार उसके खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई करेगी. राज्य सरकार के इस फैसले के पीछे न सिर्फ जन विरोध है बल्कि आने वाले 2 महीने में राज्य में होने वाले निकाय और केदारनाथ विधानसभा उपचुनाव भी है. जिसमें राज्य सरकार को बड़ा नुकसान हो सकता है. यही वजह है कि राजनीतिक तौर पर हो रहे नुकसान की भरपाई के लिए उत्तराखंड कैबिनेट में यह निर्णय लिया गया है.

कैबिनेट ने क्यों लिया ये फैसला (Kedarnath Mandir)

अब ऐसे में इन सब विरोधों और जन भावनाओं को देखते हुए उत्तराखंड सरकार की कैबिनेट बैठक में महत्वपूर्ण फैसला लिया गया. जिसमें किसी भी व्यक्ति या संस्था द्वारा बद्रीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री, यमुनोत्री और उत्तराखंड के प्रमुख मंदिर के नाम से ना तो कोई ट्रस्ट बनाया जाएगा और ना ही कोई मंदिर बनाया जाएगा. इसको लेकर उत्तराखंड सरकार की कैबिनेट ने कड़े कानून बनाने का प्रस्ताव पास किया है.