दिल्ली की आबकारी नीति मामले में राउज एवेन्यू कोर्ट ने मनीष सिसोदिया की ज्यूडिशियल कस्टडी को 26 जुलाई तक बढ़ा दिया है. सिसोदिया की न्यायिक हिरासत की अवधि 22 जुलाई को खत्म हो रही थी. इससे पहले कोर्ट ने 15 जुलाई को सुनवाई करते हुए सिसोदिया को 22 जुलाई तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया था. आबकारी नीति मामले में पिछले साल फरवरी में गिरफ्तार किया था.

इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार (16 जुलाई) को सिसोदिया की जमानत याचिका पर नोटिस जारी किया. कोर्ट ने CBI और ED को नोटिस जारी करते हुए 29 जुलाई तक मामले में अपना जवाब दाखिल करने को कहा है. कोर्ट ने कहा, नोटिस का जवाब 29 जुलाई तक दें. हम 2 सप्ताह बाद इस पर फिर विचार करेंगे.

वकील ने तर्क दिया कि मनीष सिसोदिया 16 महीने से जेल में हैं और केस आगे नहीं बढ़ रहा है. पिछले साल 30 अक्टूबर को अपने फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने सिसोदिया को जमानत देने से इनकार कर दिया था, लेकिन कहा था कि अगर अगले 3 महीने में मुकदमा धीमी गति से आगे बढ़ता है, तो वह नए सिरे से जमानत के लिए आवेदन कर सकते हैं.

राउज एवेन्यू कोर्ट ने 30 अप्रैल को सिसोदिया को जमानत देने से इनकार कर दिया था, जो दूसरी बार रेगुलर बेल मांग रहे थे. जमानत देने से इनकार करते हुए ट्रायल कोर्ट के आदेश में कहा गया था कि मामले की कार्यवाही में देरी काफी हद तक सिसोदिया के कारण ही हुई है. इसके बाद, दिल्ली हाई कोर्ट ने सिसोदिया को जमानत देने से इनकार करते हुए कहा था कि वह भ्रष्टाचार के मामले में जमानत देने के लिए ट्रिपल टेस्ट और धन शोधन निवारण अधिनियम (PMLA), 2002 के तहत आवश्यक दोहरी शर्तों को वो पूरा नहीं करते.

इसे चुनौती देते हुए सिसोदिया ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाई. पिछले महीने, शीर्ष अदालत में सिसोदिया की याचिका पर सुनवाई के दौरान सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा था कि शराब नीति मामले में अंतिम आरोप पत्र/शिकायत 3 जुलाई तक दायर की जाएगी . हाल ही में सुप्रीम कोर्ट के जज न्यायमूर्ति संजय कुमार ने सिसोदिया की जमानत याचिका पर सुनवाई करने से खुद को अलग कर लिया था.