मध्य प्रदेश में लगातार हो रही बारिश की वजह से हाहाकार मचा हुआ है। कई जिलों में जल स्तर बढ़ने की वजह से डेम खोल दिए गए हैं। आलम यह है कि कई गांव डूबने की कगार में हैं। उन्हें प्रतिस्थापित किया जा रहा है। किन क्षेत्रों में स्थिति कैसी है, जानिए यहां

भोपाल में कोलार डेम के दो गेट खोले गए

शब्बीर अहमद, भोपाल। मध्य प्रदेश में लगातार बारिश से कई क्षेत्र जलमग्न हो गए है। वहीं लगातार ऊपरी हिस्से में हो रही बारिश से कोलार डेम लबालब हो गया है। जिसके बाद डेम फुल हो गया है और जलस्तर 458.70 पहुंच गया है। इस वजह से 8 में से 2 गेट खोल दिए गए हैं। दोनों गेट 40-40 सेंटीमीटर तक खोले गए हैं। 

बता दें कि इस सीजन में पहली बार कोलार डैम के गेट खोले गए हैं। भोपाल के बड़ा तालाब का जल स्तर 1665.00 फीट तक पहुंच गया है और यह सिर्फ 1.80 फीट खाली है। इस तालाब के भरने के बाद भदभदा के गेट खोले जाएंगे।  

माचागोरा बांध का जलस्तर बढ़ा

शरद पाठक, छिंदवाड़ा। जिले में शुक्रवार रात से लगातार जारी बारिश से पेंच नदी उफान पर रही। जिसका असर माचागोरा बांध पर दिखाई दिया। बांध का जलस्तर लगातार बढ़ते गया। शनिवार रात 8 बजे तक नौबत कुल 8 में से 6 गेट खोलने की आ गई। 6 गेट औसतन 80 सेमी तक खोलकर करीब 750 क्यूबिक मीटर प्रति सेकंड की दर से पानी छोड़ा जा रहा है। इस सीजन में यह पहला मौका है जब एक साथ छह गेट खोलकर पानी छोड़ने की स्थिति बनी है। 

बारिश का दौर लगातार जारी है, ऐसे में खुले गेटों की हाइट के साथ डिस्चार्ज भी बढ़ाया जा सकता है। कुल 625.75 मीटर क्षमता वाले डेम का जलस्तर 623.50 मीटर है। अभी माचागोरा डेम 70 फीसदी तक भर चुका है जो पिछले साल आज तारीख तक की स्थिति में दो प्रतिशत अधिक है। पिछले साल अब तक की स्थिति में डेम 68 प्रतिशत ही भर पाया था। पिछले साल जलस्तर 623.05 मीटर तक और वाटर स्टोरेज 289.33 एमसीएम हो पाया था। शनिवार को जलस्तर 623.50 मीटर और स्टोरेज 309.24 एमसीएम हो गया है।

अधिक बारिश होने पर डूब सकते हैं दो गांव के 60 घर, नोटिस देकर बताया अस्थाई आशियाना

आकाश तिवारी, कुरवाई(विदिशा)। हनोता डैम का निर्माण चल रहा है। वर्तमान में गेट के बॉटम लेवल तक पार का निर्माण पूर्ण हो चुका है। जिसके कारण पानी का भराव भी काफी हो चुका है और जमीनी स्तर से पानी निकल रहा है। अगर अधिक बारिश होती है तो दो गांव चोपड़ा और विसराई के साठ घर डूबने की संभावना है। इन साठ घरों को चिन्हित कर उन्हें अलर्ट भी कर दिया गया है और अस्थाई रूप से रुकने की जगह भी बता दी गई है।

26 जुलाई को अनुविभागीय अधिकारी एवं भू अर्जन अधिकारी कुरवाई ने आदेश जारी कर 60 घरों की सूची जारी कर दी है। हनोता बांध के एसडीओ के.एल. सूर्यवंशी ने जानकारी देते हुए बताया कि बांध में यदि समुद्र तल से 423 मीटर की ऊंचाई तक पानी भर जाएगा, तो ग्राम विसराई एवं चोपड़ा के 60 आवासीय मकान बाढ़ से प्रभावित हो सकते हैं। हालांकि मकानों का मुआवजा एवं पुनर्वास की राशि इन सभी को पूर्व में वितरित की जा चुकी है। 

अभी बांध का जलस्तर 417 मीटर तक पहुंचा है। इन लोगों को अस्थाई रूप से ठहरने की व्यवस्था की गई है, जिसमें लोग अपनी आवश्यकता अनुसार खाद्य सामग्री एवं अन्य सामान के साथ अस्थाई रूप से ठहर सकते हैं। अस्थाई रूप से ठहरने के लिए बडोह, जाजपोन एवं गौड़खेड़ी की पुनर्वास वाली कॉलोनी के  विभिन्न शासकीय भवन एवं शासकीय स्कूलों को चिन्हित किया गया है। पिछले वर्षों में कई बार ग्राम चौपड़ा में बाढ़ की स्थिति बन चुकी है इसलिए प्रशासन ने एहतियात के तौर पर यह व्यवस्था कर दी है।

मंडी बामोरा स्टेट हाईवे हुआ बंद

लगातार हो रही भारी बारिश से जन जीवन अस्त व्यस्त होता जा रहा है। आज सुबह खुरई- मंडी बामोरा स्टेट हाईवे पर ग्राम धनसरा में कन्जी नदी पर पुल के ऊपर पानी होने के कारण स्टेट हाईवे पूरी तरह से बंद हो गया है। वहीं पठारी मुख्यालय से खुरई मुख्यालय का रास्ता और मंडी बामोरा से देवली का रास्ता भी बंद है। भारी बारिश के कारण सोयाबीन की फसलों में नुकसान होना शुरू हो गया है। 

सांसद भरत सिंह कुशवाहा ने हनुमान बांध का निरीक्षण किया 

कमल वर्मा, ग्वालियर। सांसद भरत सिंह कुशवाहा ने हनुमान बांध का निरीक्षण किया। नगर निगम आयुक्त हर्ष सिंह और जल संसाधन विभाग के अधिकारियों के साथ हनुमान को पुनर्जीवित करने के प्रयास तेज कर दिए हैं। हनुमान बांध को रीडेवलप्ड कर इस स्थान को टूरिस्ट प्लेस के तौर पर उपयोग करने का प्लान तैयार किया गया है। शहर को पेयजल की आपूर्ति भी हनुमान बांध करेगा। हनुमान बांध के आसपास अतिक्रमण को हटाने के भी निर्देश दिए गए हैं।

गांधीसागर में चीता प्रोजेक्ट को लेकर की गई तार फेंसिंग टूटी

प्रीत शर्मा, मन्दसौर। मध्य प्रदेश के मंदसौर जिले में 24 घंटे से लगातार हो रही बारिश के चलते जिले के वन्य अभ्यारण गांधीसागर में चीता प्रोजेक्ट को लेकर की गई तार फेंसिंग शनिवार को कुछ जगहों से टूट गई। जिससे शासन को करोड़ों का नुकसान हुआ है। तार फेंसिंग के टूटने का वीडियो भी सामने आया है। जिसमे साफ तौर पर तार फेंसिंग क्षतिग्रस्त अवस्था में दिखाई दे रहा है। मंदसौर डीएफओ संजय रायखेरे की माने तो चीता प्रोजेक्ट की करीब 27 किलोमीटर की फेंसिंग पर 12 नाले आते हैं। जिनमें से 2 नालों पर पानी का बहाव तेज होने के कारण वह डेमेज हो गई है। मौके पर वन विभाग का स्टाफ मौजूद है। जो लगातार स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं।

गांधीसागर में चीता प्रोजेक्ट को लेकर की गई तार फेंसिंग टूटी

प्रीत शर्मा, मन्दसौर। मध्य प्रदेश के मंदसौर जिले में 24 घंटे से लगातार हो रही बारिश के चलते जिले के वन्य अभ्यारण गांधीसागर में चीता प्रोजेक्ट को लेकर की गई तार फेंसिंग शनिवार को कुछ जगहों से टूट गई। जिससे शासन को करोड़ों का नुकसान हुआ है। तार फेंसिंग के टूटने का वीडियो भी सामने आया है। जिसमे साफ तौर पर तार फेंसिंग क्षतिग्रस्त अवस्था में दिखाई दे रहा है। मंदसौर डीएफओ संजय रायखेरे की माने तो चीता प्रोजेक्ट की करीब 27 किलोमीटर की फेंसिंग पर 12 नाले आते हैं। जिनमें से 2 नालों पर पानी का बहाव तेज होने के कारण वह डेमेज हो गई है। मौके पर वन विभाग का स्टाफ मौजूद है। जो लगातार स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं।

Follow the LALLURAM.COM MP channel on WhatsApp
https://whatsapp.com/channel/0029Va6fzuULSmbeNxuA9j0m