रायपुर: मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने आज विधानसभा के समिति कक्ष में राजस्व विभाग कीे खसरा और बी-1 की डिजिटल हस्ताक्षरयुक्त प्रतिलिपि प्रदाय योजना किसानों को समर्पित की। इस योजना के शुरू हो जाने से अब किसानों को खसरा और बी-1 के लिए पटवारी और तहसील कार्यों का चक्कर नहीं लगाना पड़ेगा। कोई भी व्यक्ति कहीं से भी राजस्व विभाग की वेबसाईट http/revenue.cg.nic.in में जाकर भुईयां लिंक के माध्यम से खसरा और बी-1 की डिजिटल हस्ताक्षरयुक्त नकल निकाल सकते हैं। यह पूरी तरह निःशुल्क होगा।
मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने इस अवसर पर कहा कि छत्तीसगढ़ के किसानों के लिए यह बहुत बड़ा परिवर्तन है। राजस्व विभाग की हजारों साल पुराने परम्परा को सूचना प्रौद्योगिकी के माध्यम से आसान, सुविधाजनक और पारदर्शी बना दिया गया है। अब किसानों को खसरा और बी-1 की नकल के लिए पटवारी के चक्कर नहीं लगाना पड़ेगा। कोई भी किसान प्रदेश के किसी भी कोने से इसके लिए ऑनलाईन आवेदन कर सकते हैं। अभी ऑनलाईन आवेदन करने के एक सप्ताह बाद उन्हें डिजिटल हस्ताक्षरयुक्त खसरा और बी-1 की नकल मिल जाएगी। तीन महीने के बाद ऑनलाईन आवेदन करने तुरंत बाद खसरा और बी-1 की नकल मिल जाएगी।
मुख्यमंत्री ने इस योजना के शुभारंभ के बाद राजस्व मंत्री प्रेमप्रकाश पाण्डेय की जमीन का खसरा और बी-1 निकालकर दिखाया। शुभारंभ कार्यक्रम में विधानसभा अध्यक्ष गौरीशंकर अग्रवाल, राजस्व और आपदा प्रबंधन मंत्री प्रेमप्रकाश पाण्डेय भी उपस्थित थे।इस मौके पर प्रेमप्रकाश पाण्डेय ने बताया कि धमतरी जिले के कुरूद और दुर्ग जिले के पाटन तहसील को इस राज्य के लिए पायलट प्रोजेक्ट के रूप में लिया गया था। इन दोनों तहसीलों में इस योजना के सफलतापूर्वक क्रियान्वयन के पश्चात इस योजना को आज से पूरे प्रदेश में लागू किया जा रहा है।