लखनऊ. उत्तर प्रदेश विधान परिषद में नजूल जमीन विधेयक के पास होने की प्रक्रिया में एक बड़ा बाधा आ गया है. भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष और एमएलसी भूपेंद्र चौधरी ने विधेयक को प्रवर समिति के पास भेजने की मांग की, जिसे सभापति ने मंजूर कर लिया है.

विधानसभा में बीजेपी विधायकों द्वारा विधेयक का विरोध किए जाने के बाद आज विधान परिषद में भूपेंद्र चौधरी ने इस विधेयक के कई प्रविधानों पर असहमति जताते हुए इसे प्रवर समिति को भेजने का अनुरोध किया. उनके इस अनुरोध को सभापति ने स्वीकार कर लिया, जिससे नजूल जमीन विधेयक की प्रक्रिया फिलहाल रोक दी गई है.

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यह पहली बार है जब किसी सरकार के महत्वपूर्ण विधेयक को पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष ने लटकवाने में सफल रहे हैं. अब नजूल संपत्ति (लोक प्रयोजनार्थ प्रबंध और उपयोग) विधेयक, 2024 को प्रवर समिति को सौंप दिया गया है, जो इस पर दो महीने के भीतर अपनी रिपोर्ट पेश करेगी.

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