शिखिल ब्यौहार, भोपाल। मध्य प्रदेश में मंत्रियों को जल्द जिलों का प्रभार मिल सकता है, लेकिन इससे पहले कांग्रेस और बीजेपी में जुबानी जंग छिड़ गई है। इस मामले में पूर्व मंत्री पीसी शर्मा ने कहा कि लेनदेन के चक्कर में मंत्रियों का जिले का प्रभार रुका हुआ है। खदान, रेत और बड़े जिलों की मांग को लेकर मंत्रियों और सरकार का गड़बड़ झाला चल रहा है।
पूर्व मंत्री पीसी शर्मा ने कहा कि मंत्रियों की सिंगरौली जैसे जिलों की डिमांड है। जिलों की कीमत पर मामला अटका हुआ है। सब अपने-अपने चहेतों को कमाऊ जिले दिलाना चाहते हैं। जिलों के काम का समेत प्रभारी मंत्रियों के दायित्व संबंधी कार्य भी प्रभावित हो रहे हैं। मोहन सरकार को प्रदेश में लंबा वक्त है। बात निकली है तो दूर तलक जाएगी, आगे-आगे देखिए होता है क्या।
पीसी शर्मा के बयान पर बीजेपी ने पलटवार किया है। बीजेपी प्रवक्ता अजय सिंह यादव ने कहा कि कांग्रेस की सोच लेनदेन तक ही सीमित है। कमलनाथ सरकार में भ्रष्टाचार का प्रदेश गढ़ बना था। मुख्यमंत्री ने कहा था कि 15 अगस्त तक मंत्रियों को जिले के जिले मिलेंगे। जल्द जिलों में मंत्रियों की जिम्मेदारी तय होगी। प्रदेश में सुशासन सुशासन का राज चल रहा है।
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अजय सिंह यादव ने आगे कहा कि प्रभारी मंत्रियों के न होने से विकास पर असर नहीं पड़ रहा है। कांग्रेस की सरकार में जिलों के प्रभार के नाम पर मंत्रियों से मोटी रकम ली जाती थी। प्रभार लेकर मंत्री गोरख धंधों को अंजाम देते थे। कांग्रेसी की परंपरा कांग्रेसियों के जुबान पर, बीजेपी में सिर्फ जन सेवा का भाव है।
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