Rajasthan News: उदयपुर. अगले वर्ष गणतंत्र दिवस पर देश भर में स्कूली बच्चों की बैंड प्रतियोगिता होगी. विजेताओं को संभाग और राष्ट्रीय स्तर पर पुरस्कृत किया जाएगा. यह प्रतियोगिता विभिन्न राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों के स्कूलों में पढ़ने वाले विद्यार्थियों के बीच होगी. इसके मद्देनजर अब सभी सरकारी स्कूलों को अपने-अपने बैंड बनाने पड़ेंगे.

आजादी के अमृत महोत्सव के तहत यह आयोजन होना है. इसे लेकर केन्द्र ने सभी राज्यों को निर्देश दिए हैं. इसमें उल्लेख किया है कि बैंड स्कूली बच्चों में अपने स्कूल और देश के प्रति एकता, अपनेपन और गर्व की गहरी भावना पैदा करता है. बैंड की लय बच्चों और युवाओं में समान रूप से जुनून, साहस जगाता है. इस तरह की एक अखिल भारतीय राष्ट्रीय स्कूल बैंड प्रतियोगिता देशभर के स्कूलों में बच्चों के बीच संवैधानिक मूल्यों, देशभक्ति और एकता की भावना को फिर से जीवंत करने और उन्हें समग्र शिक्षा के मार्ग पर प्रेरित करने में मदद करेगी.

ऐसे होगा आयोजन

प्रस्तावित राष्ट्रीय स्कूल बैंड प्रतियोगिता का पहला स्त प्रदेशों के सभी स्कूलों के बीच होगा जिसमें सीबीएसई, आईसीएसई, केवीएस, एनवीएस, पीएम-एसएचआरआई, सैनिक स्कूल आदि के स्कूल शामिल होंगे. इसके बाद जोनल और राष्ट्रीय स्तर की स्कूल बैंड प्रतियोगिता होगी. पूर्व, पश्चिम, दक्षिण व उत्तर जोन से चार-चार बैंड समूह यानी कुल 16 बैंड टीमें नई दिल्ली में कार्यक्रम के ग्रैंड फिनाले में हिस्सा लेंगे. राज्य स्तरीय और क्षेत्रीय प्रतियोगिता तक का खर्च संबंधित राज्यों/समन्वय राज्यों द्वारा वहन किया जाएगा. इसमें केन्द्र ने स्पष्ट लिखा है कि प्रत्येक स्कूल को इसमें हिस्सा लेना होगा.

विजेता को तीन वर्ष बाद ही फिर मौका

राज्य एवं केंद्रशासित प्रदेश को राज्य स्तरीय बैंड प्रतियोगिता करवानी होगी. राज्य स्तरीय बैंड प्रतियोगिता नहीं होने पर संबंधित का बैंड क्षेत्र स्तरीय बैंड प्रतियोगिता में हिस्सा लेने के लिए पात्र नहीं होगा. एक बार राष्ट्रीय स्तर पर पुरस्कार मिलने के 3 साल बाद ही बैंड प्रतियोगिता में प्रवेश कर सकता है. अगर लड़कों का बैंड विजेता रहा तो लड़कियों का बैंड हिस्सा ले सकेगा.

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