रायपुर. छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को छत्तीसगढ़ी में शपथ लेने से रोके जाने के बाद राजभवन पर सवाल उठने लगे है. कांग्रेस के बाद अब छत्तीसगढ़ी राजभाषा मंच ने भी राजभवन पर गुमराह करने का आरोप लगाया है. राजभाषा मंच के सयोंजक नंदकिशोर शुक्ल का कहना है कि बहुत गलत काम राजभवन के अधिकारियों ने किया है. उनको संवैधानिक स्थिति की जानकारी नही है. संविधान भी ये कहता है कि मातृभाषा में शपथ लिया जा सकता है.
उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ी हमारी राजभाषा है. हमारा अपमान किया गया. हमारे मुखिया को शपथ लेने से रोका गया. ये पूरे छत्तीसगढ़िया का अपमान है. जबकि संविधान की जानकारी रखने वाले लोगो ने ये खुद कहा है कि छत्तीसगढ़ी में शपथ लिया जा सकता है. जब राजभवन ने मना किया तो उस समय मुख्यमंत्री को अड़ जाना था खैर उस समय कई कारण होते है.
नंदकिशोर शुक्ल ने आगे कहा कि अब सभी विधायक विधानसभा में छत्तीसगढ़ी में शपथ ले. जब राष्ट्रपति ने राज्य गठन को लेकर बधाई संदेश दिया था तो वो छत्तीसगढ़ी में था.  छत्तीसगढ़ी में सिर्फ शपथ न हो उस पर कामकाज भी हो. वही उन्होंने अधिकारियों को कहा है कि वो एक नौकरशाह है. वो छत्तीसगढ़ में सेवा करने आये है ना कि राज करने.
बता दे कि मुख्यमंत्री भुपेश बघेल छत्तीसगढ़ी में शपथ लेना चाहते थे लेकिन राजभवन ने आठवी अनुसूची का हवाला देते हुए उन्हें छत्तीसगढ़ी में शपथ लेने से रोक दिया था. लेकिन अब भूपेश बघेल ने विधानसभा को पत्र लिखकर छत्तीसगढ़ी में शपथ लेने की बात कही है.