प्रभारी मंत्री बनने के बाद उनका करीबी बनने की जद्दोजहद
लंबी जद्दोजहद के बाद सरकार ने प्रभारी मंत्रियों की नियुक्ति कर दी और खबर है कि ट्रांसफर पोस्टिंग में प्रभारी मंत्रियों का अनुमोदन जरूरी होगा। इसके बाद जिले के दलाल मंत्रियों के बंगले पर सक्रिय हो गए। सभी अपने इलाके के प्रभारी मंत्री से दोस्ती बढ़ाने में जुटे हुए हैं। बंगले के बाहर होर्डिंग लगाए जा रहे हैं। इसके पीछे की कहानी ट्रांसफर पोस्टिंग के साथ-साथ शहर में माननीय पहली बार पहुंचे तो उन्हीं का जलवा उनको नजर आए कि साहब के सबसे करीबी ‘फलाने’ भैया है।
कांग्रेस का नया भीड़ वाला नया फार्मूला, रोटी, गाड़ी हम देंगे आप लाइए भीड़
22 और 30 अगस्त को भोपाल में कांग्रेस का बड़ा प्रदर्शन होना है। 22 को मध्य प्रदेश कांग्रेस करेगी तो 30 अगस्त को यूथ कांग्रेस प्रदर्शन करेगी। करीब 20 साल से विपक्ष में बैठी कांग्रेस को भीड़ की चिंता सताने लगी है। अब खबर है कि मध्य प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष और यूथ कांग्रेस अध्यक्ष नेताओं को फोन लगाकर ज्यादा से ज्यादा लोगों को लाने की गुजारिश कर रहे हैं, लेकिन कई जिला अध्यक्ष और नेताओं ने पैसे के नाम पर हथियार डाल दिए है। इसके बाद दोनों अध्यक्षों ने पैसा का रोना रोने वाले नेताओं को निर्देश दिए की रोटी, गाड़ी का इंतजाम हम करेंगे, आप लाइए भीड़….अब देखना होगा रोटी, गाड़ी का इंतजाम होने के बाद कितनी भीड़ आती है।
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छतरपुर की कांग्रेस की इनसाइड स्टोरी, एक दिन क्यों साधी रही एमपी कांग्रेस चुप्पी
छतरपुर में बुलडोजर की कार्रवाई को लेकर पूरे एक दिन कांग्रेस नेताओं ने चुप्पी साधी रखी, लेकिन एक दिन बाद एमपी कांग्रेस के सभी नेता सक्रिय होते नजर आए। इसके पीछे की कहानी सामने आई है कि कांग्रेस के कई वरिष्ठ नेता इस घटना के वीडियो सामने आने के बाद एमपी कांग्रेस के नेतृत्वकर्ताओं को फोन घनघनाया और बिना, लाभ हानि के इस मुद्दे पर अपना पक्ष रखने के लिए कहा गया। इसके साथ ही बताया जाता है मल्लिकार्जुन खड़गे के ऑफिस से भी फोन आए इसके बाद मध्यप्रदेश कांग्रेस एक्टिव हुई और डीजीपी से मुलाकात का समय मांगा गया।
पूरी दाल काली है यहां..
भोपाल विकास प्राधिकरण में बीते दिनों सालों से धांधली कर रहे रिश्वतखोर बाबू तारकदास को लोकायुक्त ने रंगे हाथ गिरफ्तार किया। जिसकी सालों से ऊपर से लेकर नीचे तक शिकायतों का अंबार उस पर विभाग ने कभी एक्शन नहीं लिया। कारण सिर्फ एक। शिष्टाचार ऊपर पर जारी रहा। खैर, ये तो तालाब की बहुत छोटी मछली है। बीडीए तो मानो खुला बाजार है। ऐसा कोई प्रोजेक्ट ही नहीं जिसमें भ्रष्टाचार नहीं। अफॉर्डेबल का हाउसिंग स्कीम के तहत हजारों करोड़ के प्रोजेक्ट की डीपीआर और हुए काम का खाका देखिए साहब। खेल भी बड़ा नजर आएगा। ऊपर से नीचे तक पूरी दाल काली है।
भैया की नाराजगी, कही पड़ न जाए भारी
प्रदेश के मुख्य मंत्री मोहन भैया एक मंत्री से मानो नाराज से चल रहे हैं। दरअसल, डॉक्टर मोहन यादव ने रक्षाबंधन त्योहार को लेकर पूरे प्रदेश में कई कार्यक्रमों में शामिल हुए। वैसे तो विधायकों,मंत्रियों के आमंत्रण पर शत प्रतिशत पहुंचे भी। लेकिन, एक मंत्री जी के आमंत्रण पर पहुंच नहीं पाए। सियासी गलियारों में चर्चा है कि साहब माननीय से नाराज चल रहे हैं। कभी उनका नाम मंच से लेना भूल जाते हैं तो आमंत्रण से दूरी। एक बार और जो सभी पर लागू है। आपने जो भूतकाल में किया है उसका असर तो वर्तमान पर दिखाई देता ही है। भविष्य पर भी इसका असर होता है।
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