Not Scoring A Single Run In 137 Balls : इंग्लैंड के लिए क्लब क्रिकेट खेलने वाले इयान बेस्टविक चर्चा में हैं. इन्होंने 137 गेंदों का सामना किया और वो खाता भी नहीं खोल पाए. इसके बाद भी यह क्रिकेटर अपनी इस पारी को लेकर बेहद खुश है, जानिए वजह…
जब से टी20 क्रिकेट फेमस हुआ है तब से अगर ओवर की 1 गेंद बची है तो बल्लेबाज उस पर भी छक्का लगाने की कोशिश में रहते हैं. घरेलू से लेकर इंटरनेशनल तक अब क्रिकेट पहले से ज्यादा आक्रामक हो चुका है, लेकिन आपको जानकर हैरानी होगा कि एक बल्लेबाज ने 137 गेंदों का सामना किया, लेकिन वो अपना खाता भी नहीं खोल पाया. उसने पूरी पारी में एक भी रन नहीं बनाया. इसलिए अब यह खिलाड़ी पूरी दुनिया में चर्चा का विषय बना हुआ है. ये मामला इंग्लैंड के क्लब क्रिकेट से सामने आया है, जिसे जानकर क्रिकेट फैंस और इस खेल के दिग्गज भी चौंक गए है.
दरअसल, इंग्लैंड के क्लब क्रिकेट डर्बीशायर लीग में एक अनोखा मैच हुआ, इस मुकाबले में डार्ले एबे क्लब और मिकले की टीमें आमने-सामने थीं. जिसमें डार्ले एबे के ओपनर इयान बेस्टविक ने 137 गेंदों का सामना किया, लेकिन एक भी रन नहीं बनाया. उनकी टीम 272 रनों के टारगेट का पीछा कर रही थी. यह मुकाबला ड्रा रहा.
दरअसल, इयान बेस्टविक की टीम 272 रनों के लक्ष्य का पीछा कर रही थी. यह मुकाबला 45-45 ओवर का था, इयान की टीम ने 4 विकेट खोकर 21 रन बनाए और मैच को ड्रा कराया. 9 रन एक्स्ट्रा बने. इयान बेस्टविक के अलावा टीम के लिए थॉमस बेस्टविक ने भी 71 गेंदों पर सिर्फ 4 रन किए. उनके बल्ले से सिर्फ एक चौका ही निकला. इससे पहले पहली पारी में मिकले ओवर 3rd XI ने ताबड़ोड़ बैटिंग करते हुए 4 विकेट खोकर 271 रन बोर्ड पर लगाए थे. ओपनर मैक्स थॉम्पसन ने केवल 128 गेंदों में 186 रनों की शानदार पारी खेली थी.
दरअसल, इयान बेस्टविक की टीम में सीनियर खिलाड़ी नहीं थे. अनुभव की कमी थी. इसलिए उन्होंने खूंटा गाड़कर बैटिंग की. उनका पूरा फोकस था कि विकेट नहीं गिरने देना है. इसलिए वो आखिर तक डटे रहे और 137 गेंदों का सामना करने के बाद भी खाता नहीं खोला. इस तरह उन्होंने अपनी टीम को हार से बचा लिया और नाबाद लौटे. मैच के बाद जब वो ड्रेसिंग रूम में गए तो सभी ने उनका स्वागत किया. पूरी टीम खुश थी.
क्या बोले इयान बेस्टविक?
इयान बेस्टविक अपने अनोखे कारनामे के चलते दुनिया भर में चर्चित हो गए हैं. 48 साल के इस क्रिकेटर ने खुलासा किया है कि “यह पूरी दुनिया में फैल गया है. ऑस्ट्रेलिया, पाकिस्तान, कतर में इसका जिक्र हुआ है. मुझे दुनिया भर से फोन आ रहे हैं. लोग मुझसे दोस्ती करना चाह रहे. ड्रॉ के बाद हमारा ड्रेसिंग रूम उछल रहा था. सभी खिलाड़ी मुस्कुरा रहे थे, और उन्हें लगा कि यह शानदार था. यह आपको दिखाता है कि स्थानीय क्रिकेट कितना अच्छा हो सकता है.
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