Jay shah : जय शाह केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के बेटे हैं. कुछ साल पहले तक उनकी यही पहचान थी, लेकिन अब वे ICC (इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल) के चेयरमैन बन गए हैं. जय शाह ने अब अपनी अलग पहचान स्थापित कर ली है. इसके लिए उन्होंने 15 साल तक कड़ी मेहनत की. जानिए उनका सफर कैसा रहा…

जय शाह…क्रिकेट की दुनिया में यह नाम आज सबसे ज्यादा चर्चा में है. जय शाह आईसीसी के नए बॉस बन गए हैं. उन्होंने छोटी सी उम्र में बड़ा कमाल किया है. वो इस पद पर पहुंचने वाले सबसे युवा अध्यक्ष हैं. जय शाह का कार्यकाल 1 दिसंबर 2024 से शुरू होगा. खास बात ये है कि जय शाह को निर्विरोध चुना गया है. पहले जय शाह की पहचान उनके पिता अमित शाह से होती थी, जो बीजेपी के दिग्गज नेता हैं, लेकिन अब उन्होंने अपनी एक अलग पहचान बनाई है.

बीसीसीआई के सचिव रहते हुए जय शाह क्रिकेट की भलाई के लिए एक बेहतरीन प्रशासनिक अधिकारी बनकर उभरे हैं. जिला स्तर से लेकर आईसीसी के चेयरमैन तक जय शाह का सफर आसान नहीं था, इसके लिए उन्होंने 15 साल की कड़ी मेहनत की, जिसके दम पर आज वो आईसीसी के बॉस बने हैं. 15 साल की कड़ी मेहनत ही उनकी सफलता का राज है.

35 साल की उम्र में आईसीसी के चेयरमैन बने जय शाह फिलहाल बीसीसीआई के सचिव, एशियाई क्रिकेट परिषद (एसीसी) के अध्यक्ष भी हैं.

2009 में शुरू हुआ था सफर

जय शाह का क्रिकेट प्रशासक बनने का सफर साल 2009 में शुरू हुआ था. जब उन्हें अहमदाबाद में सेंट्रल बोर्ड ऑफ क्रिकेट के कार्यकारी का सदस्य बनाया गया था. फिर 4 साल बाद 2013 में जय शाह को गुजरात क्रिकेट एसोसिएशन का संयुक्त रूप से सचिव बनाया गया. यहां वो बढ़िया काम करते रहे. लिहाजा उन्हें बीसीसीआई में भी कम उम्र में एंट्री मिल गई.

2019 में बने थे सचिव

जय शाह को साल 2019 में बीसीसीआई में एंट्री मिली थी. वो पहली बार वित्त और मार्केटिंग समिति के सदस्य बने थे. फिर अक्टूबर 2019 में बीसीसीआई के सबसे युवा सचिव बन गए. जय शाह ने पहले अध्यक्ष सौरव गांगुली और रोजर बिन्नी के साथ काम किया. यहां क्रिकेट को संचालित करने की बारीकियां भी सीखीं.

क्या हैं जय शाह की उपलब्धियां

सचिव का पद संभालने के बाद जय शाह ने 2022 में आईपीएल मीडिया अधिकारों को 5 साल के लिए 48390 करोड़ रुपये में बेचा, ये उनके करियर का सबसे बड़ा काम साबित हुआ. विमेंस प्रीमियर लीग को सफल कराने और महिला-पुरुष क्रिकेटर्स की सैलरी एक जैसी कराने में जय शाह का अहम रोल रहा. बीसीसीआई के सचिव रहते हुए उन्होंने इंटरनेशनल स्तर पर पहचान बनाई और फिर अब आईसीसी के नए बॉस बन गए.