रवि रायकवार, दतिया। बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर और कथावाचक पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री आज अचानक दतिया पहुंच गए। उनका कोई पूर्व कार्यक्रम निर्धारित नहीं था। यहां पहुंचकर सबसे पहले उन्होंने पीतांबरा पीठ में मां बगलामुखी देवी के दर्शन किए। इसके बाद वनखंडेश्वर महादेव का जलाभिषेक किया।

पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के पहुंचने की सूचना मिलते ही भक्तों का जमावड़ा लग गया। पुलिस सुरक्षा के बीच उन्होंने मंदिर में दर्शन किए। लोगों ने फूल की माला पहनकर उनका स्वागत किया। वहां मौजूद पुलिसकर्मियों और मंदिर प्रबंधन ने भी उनका अभिवादन किया। 

21 नवंबर से शुरू होगी पदयात्रा

पंडित धीरेंद्र शास्त्री हिंदू एकता का नारा लेकर 21 नवंबर से पदयात्रा निकाल रहे हैं। इसमें शामिल होने के लिए अनुयायियों के लिए रजिस्ट्रेशन अनिवार्य है। इसके बाद वे थाली, कंबल और बिस्तर के साथ यात्रा में चल सकेंगे। यहां से एक केसरिया ध्वज लेकर निकला जाएगा। ओरछा पहुंचने के बाद इसे मंदिर में चढ़ाया जाएगा।

 हिंदुओं को एकजुट करने और सनातन धर्म के प्रचार प्रसार के लिए वह 21 से 30 नवंबर तक पदयात्रा करेंगे। 21 नवंबर को बागेश्वर धाम तीर्थ से इसकी शुरुआत होगी। प्रतिदिन 20 किलोमीटर चलेंगे। 30 नवंबर को ओरछा पहुंचकर यात्रा का समापन होगा।

पंडित धीरेंद्र शास्त्री ने अपने बयानों में कहा था कि “बांग्लादेशी हिंदू अत्याचार होने पर हिंदुस्तान आ जाएंगे, मगर जब हिंदुस्तान में हिंदुओं पर अत्याचार होगा तो वे कहां जाएंगे?” इस सवाल को एक बार फिर उन्होंने अपनी यात्रा के संकल्प को बताते हुए दोहराया है।

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