भुवनेश्वर. ओडिशा सरकार के 32 सेवानिवृत्त कर्मचारियों, जिन्हें विशेष कार्य अधिकारी (ओएसडी) और अतिरिक्त कार्यों में पुनः नियुक्त किया गया था, को पुरी श्रीमंदिर से उनकी जिम्मेदारियों से मुक्त कर दिया गया है. इस बारे में श्री जगन्नाथ मंदिर प्रशासन (एजेटीए) के मुख्य प्रशासक अरविंद पाढ़ी ने शनिवार को जानकारी दी.
सूत्रों के अनुसार, पिछले 10 वर्षों में पुरी श्रीमंदिर सेवानिवृत्त सरकारी अधिकारियों का आश्रय स्थल बन गया था, जहां उन्हें विशेष कार्य अधिकारी और अन्य पदों पर पुनः नियुक्त किया गया था. ये अधिकारी मंदिर के कई महत्वपूर्ण कार्यों में भूमिका निभा रहे थे और महत्वपूर्ण निर्णय ले रहे थे. रिपोर्ट्स के मुताबिक, कुछ सेवानिवृत्त अधिकारी अभी भी मंदिर के विभिन्न अनुष्ठानों के संचालन की देखरेख कर रहे हैं. एसजेटीए ने अब इन अधिकारियों को उनके कर्तव्यों से मुक्त करने के कदम उठाए हैं.
इस प्रक्रिया के तहत 32 सेवानिवृत्त कर्मचारियों को हटा दिया गया है, जबकि 15 से अधिक सेवानिवृत्त कर्मचारी अभी भी श्रीमंदिर में अतिरिक्त कार्य कर रहे हैं. खबरों के अनुसार, इन कर्मचारियों को हटाने का निर्णय विभिन्न स्रोतों से आई शिकायतों के बाद लिया गया, जिनमें मंदिर प्रबंधन समिति के सदस्यों की भी शिकायतें शामिल हैं. अब यह सवाल उठ रहा है कि सेवानिवृत्त कर्मचारियों को पुनः नियुक्त करने के बजाय नए युवाओं को विशिष्ट कर्तव्यों के लिए प्रशिक्षित और नियुक्त क्यों नहीं किया गया.