केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में किसानों से जुड़ीं 7 योजनाओं को मंजूरी मिल गई है. केंद्रीय मंत्री अश्वनी वैष्णव ने ये जानकारी दी. उन्होंने बताया कि किसानों की जिंदगी में सुधार और उनकी इनकम बढ़ाने के लिए कैबिनेट ने 7 बड़े फैसले किए हैं. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में कृषि क्षेत्र से संबंधित इन 7 कार्यक्रमों के लिए करीब 14,000 करोड़ रुपये को मंजूरी दी गई है.

अश्वनी वैष्णव ने बताया, पहला डिजिटल एग्रीकल्चर मिशन है, यह कृषि के लिए डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर को तैयार करने के लिए है. 2817 करोड़ के इंवेस्टमेंट से डिजिटल एग्रीकल्चर मिशन तैयार होगा. इसे कृषि के लिए डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर की संरचना की तर्ज पर विकसित किया जा रहा है. कुछ अच्छे पायलट प्रोजेक्ट शुरू किए गए हैं और हमें सफलता मिली है. उस आधार पर कुल 2,817 करोड़ रुपये के निवेश से डिजिटल कृषि मिशन की स्थापना की जायेगी. उन्होंने बताया कि दूसरा फैसला खाद्य एवं पोषण सुरक्षा से जुड़ा है. हम अपने किसानों, अपने कृषि समुदाय को 2047 के लिए जलवायु-अनुकूल फसल विज्ञान और खाद्य सुरक्षा और पोषण सुरक्षा के लिए कैसे तैयार करें – इसे ध्यान में रखते हुए इस कार्यक्रम के लिए 6 स्तंभ स्थापित किए गए हैं जो 3,979 करोड़ रुपये की लागत से किया जाएगा.

मोदी सरकार ने किसानों को दीं ये सौगात

1-  उन्होंने बताया, केंद्रीय मंत्रिमंडल ने खाद्य, पोषण के फसल विज्ञान के लिए समर्पित 3,979 करोड़ रुपये की योजना को मंजूरी दी.

2- केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया, केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 2,817 करोड़ रुपये के डिजिटल कृषि मिशन को मंजूरी दी.

3- उन्होंने बताया, मंत्रिमंडल ने कृषि शिक्षा और प्रबंधन को सशक्त करने के लिए 2,292 करोड़ रुपये के प्रावधान वाले कार्यक्रम को स्वीकृति दी.

4- सरकार ने टिकाऊ पशुधन स्वास्थ्य के लिए 1,702 करोड़ रुपये की योजना को मंजूरी दी.

5- केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बागवानी के विकास के लिए 860 करोड़ रुपये को मंजूरी दी गई है.

6- कृषि विज्ञान केंद्रों के लिए 1,202 करोड़ रुपये के आवंटन को मंजूरी दी.

7- प्राकृतिक संसाधन प्रबंधन को मजबूती देने के लिए 1,115 करोड़ रुपये की योजना को भी मंजूरी दी है.

कैबिनेट बैठक में इन फैसलों को भी मिली मंजूरी

– केंद्रीय मंत्रिमंडल ने गुजरात के साणंद में एक सेमीकंडक्टर इकाई स्थापित करने के लिए केनेस सेमीकॉन प्राइवेट लिमिटेड के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी. प्रस्तावित इकाई 3,300 करोड़ रुपये के निवेश से स्थापित की जाएगी. इस इकाई की क्षमता प्रतिदिन 60 लाख चिप होगी.

– इस इकाई में उत्पादित चिप विभिन्न प्रकार के अनुप्रयोगों को पूरा करेंगे, जिसमें औद्योगिक, ऑटोमोटिव, इलेक्ट्रिक वाहन, उपभोक्ता इलेक्ट्रॉनिक्स, दूरसंचार, मोबाइल फोन आदि जैसे क्षेत्र शामिल हैं.

कैबिनेट ने 309 किलोमीटर लंबी नई लाइन परियोजना को मंजूरी दी: दो प्रमुख वाणिज्यिक केंद्रों – मुंबई और इंदौर के बीच सबसे छोटी रेल कनेक्टिविटी प्रदान करने के लिए.

– स्वीकृत परियोजना वाणिज्यिक केंद्रों मुंबई और इंदौर को सबसे छोटे रेल मार्ग से जोड़ने के अलावा, महाराष्ट्र के 2 जिलों और मध्य प्रदेश के 4 जिलों से गुज़रते हुए महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश के असंबद्ध क्षेत्रों को भी जोड़ेगी. परियोजना की कुल लागत 18,036 करोड़ रुपये है और इसे 2028-29 तक पूरा किया जाएगा. निर्माण के दौरान परियोजना से लगभग 102 लाख मानव दिवसों के लिए प्रत्यक्ष रोजगार भी पैदा होगा.