देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शासन के उच्चाधिकारियों और वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए से पुलिस महानिदेशक, आयुक्तों समेत पुलिस अधिकारियों के साथ कानून व्यवस्था को लेकर समीक्षा बैठक की. इस दौरान सीएम ने अधिकारियों को प्रदेश की कानून-व्यवस्था को चुस्त-दुरुस्त बनाने और अपराधों पर प्रभावी नियंत्रण के सख्त निर्देश दिए.

प्रदेश में ज्वेलरी दुकानों पर डकैती सहित अन्य अपराधों पर नाराजगी व्यक्त करते हुए मुख्यमंत्री ने अपराधों पर प्रभावी नियंत्रण के लिए अधिकारियों को आपसी समन्वय बनाने, सूचनाओं के त्वरित संप्रेषण, इंटेलिजेंस व्यवस्था को प्रभावी बनाए जाने, रात्रि पेट्रोलिंग की व्यवस्था सुनिश्चित किए जाने पर ध्यान देने के निर्देश दिए।

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मुख्यमंत्री ने वरिष्ठ पुलिस अधीक्षकों को किसी भी आपराधिक घटना को ससमय ब्रीफिंग किए जाने के निर्देश देते हुए इसकी जानकारी सूचना महानिदेशक को भी अविलंब उपलब्ध कराने को कहा. ताकि घटनाओं की वास्तविक स्थिति मीडिया के माध्यम से आमजन तक पहुंचे.

सीएम धामी ने महिलाओं के प्रति होने वाले अपराधों पर नियंत्रण के लिए गौरा शक्ति एप को और अधिक सक्रिय बनाए जाने पर ध्यान देने को कहा. उन्होंने कहा कि धर्मांतरण, लव जिहाद आदि मामलों में कानून होने के बावजूद इस पर रोक न लगना चिंता का विषय है. इस पर विशेष ध्यान दिया जाए.

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मुख्यमंत्री ने प्रदेश में अपराध कहां बढ़ रहे हैं और क्यों बढ़ रहे हैं. इस पर भी चिन्तन की जरूरत बताई. उन्होंने डेमोग्राफिक चेंज की समस्या के समाधान के लिए भी संबंधित सभी एजेंसियों के मध्य समन्वय पर ध्यान देने के भी निर्देश दिए. उन्होंने
कहा कि देवभूमि उत्तराखंड बाहरी प्रदेशों के अपराधियों की शरणगाह न बनें. इसके लिए सीमावर्ती क्षेत्रों में निरंतर सघन चेकिंग अभियान संचालित किया जाए.

सीएम धामी ने कहा, अपराधियों के मन में पुलिस का भय और आमजन का पुलिस के प्रति भरोसा बढ़े यह सुनिश्चित किया जाए. उन्होंने कहा कि मदरसों और अन्य शिक्षण संस्थाओं में पढ़ रहे बच्चे राज्य के नागरिक कैसे बनाए जा रहे हैं. इस पर भी ध्यान दें.
प्रदेश में अपराधों पर नियंत्रण के लिए क्या बेहतर किया जा सकता है इस पर भी चिन्तन किए जाने की जरूरत मुख्यमंत्री ने बताई. शिकायतों के त्वरित निस्तारण और अधीनस्थों के साथ अधिकारियों का सरल व्यवहार व क्षेत्रवाद की भावना से दूर रहने पर भी उन्होंने बल दिया. साइबर क्राइम पर प्रभावी रोकथाम के लिए जन जागरूकता और प्रशिक्षण कार्यक्रमों को प्रभावी बनाने के निर्देश दिए.