वाराणसी. ज्ञानवापी को लेकर अखिलेश यादव और ओवैसी के आपत्तिजनक बयान पर कोर्ट में सुनवाई पूरी हो गई है. इस दौरान याचिका दायर करने वाले अधिवक्ता हरिशंकर पांडेय ने अपनी बात रखी. अपर जिला जज की अदालत में दोनों पक्षों की सुनवाई के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया है.

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बता दें कि अखिलेश यादव और ओवैसी के आपत्तिजनक बयान को लेकर अधिवक्ता हरिशंकर पांडेय ने याचिका दायर की थी. जिसकी सुनवाई कोर्ट में पूरी हो चुकी है. इस दौरान सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता ने भी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पक्ष रखा. अब 17 सितंबर को कोर्ट इस पर फैसला सुनाएगा.

दोनों नेताओं ने दिया था ये बयान

ज्ञानवापी मस्जिद सर्वे के दौरान जब मस्जिद से शिवलिंग मिलने का दावा किया गया था तब समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि “अगर किसी पीपल के पेड़ के नीचे पत्थर रख दिया जाए और एक झंडा लगा दिया जाए तो वो मंदिर बन जाता है.” इसके साथ ही उन्होंने अयोध्या मामले का जिक्र करते हुए कहा था कि “रात के अंधेरे में मूर्तियां रख दीं जाती है.” याचिकाकर्ता हरि शंकर पांडे ने सपा अध्यक्ष के इस बयान पर ही आपत्ति जताई थी.

एआईएमआईएम नेता असदुद्दीन ओवैसी ने ज्ञानवापी में मिले ढांचे को शिवलिंग की बजाय फव्वारा बताया था. जिस पर पांडे ने कोर्ट में शिकायत की थी.