सुप्रीम कोर्ट ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को फटकार लगाई है. कोर्ट ने टिप्पणी में कहा कि हम सामंती युग में नहीं हैं, जैसा राजाजी बोलें वैसा ही होगा. सार्वजनिक विश्वास का सिद्धांत भी होता है. जब मंत्री और मुख्य सचिव से मतभेद हो तो कम से कम लिखित में कारण के साथ विवेक का इस्तेमाल किया जाना चाहिए था.

जानकारी के मुताबिक, जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क में अवैध पेड़ काटने के आरोपी IFS अफसर राहुल की राजाजी नेशनल पार्क के निदेशक के तौर पर नियुक्ति पर सुप्रीम कोर्ट ने सीएम धामी को फटकार लगाई है.

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मुख्यमंत्री के कार्यों पर कड़ी आपत्ति

जस्टिस बीआर गवई, जस्टिस प्रशांत कुमार मिश्रा और जस्टिस केवी विश्वनाथन की पीठ ने मुख्यमंत्री के कार्यों पर कड़ी आपत्ति जताई और सार्वजनिक विश्वास सिद्धांत के महत्व पर जोर दिया. इस अधिकारी को पहले अवैध पेड़ काटने के आरोप में कॉर्बेट टाइगर रिजर्व से हटा दिया गया था. पीठ ने सरकार की मनमानी पर टिप्पणी करते हुए कहा कि भ्रष्टाचार के आरोपी अधिकारी को निलंबित करने के बजाय उसका स्थानांतरण कर देना कतई उचित कदम नहीं है.

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पहले भी फटकार लगा चुकी है Supreme Court

जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क के कोर एरिया में अवैध और मनमाने निर्माण के साथ पेड़ों की कटाई के मामले में सुप्रीम कोर्ट पहले भी राज्य सरकार के वन मंत्री और आरोपी वन अधिकारियों को फटकार लगा चुका है. उस दौरान अदालत ने कहा था कि आप लोगों ने सार्वजनिक विश्वास के सिद्धांत को कूड़ेदान में फेंक दिया है. कोर्ट ने तब टिप्पणी करते हुए कहा था कि सरकार के इस कदम से यह बात तो साफ है कि तत्कालीन वन मंत्री और डीएफओ ने खुद को कानून मान लिया था.

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सरकार के मनमाने कदम पर SC सख्त

उन्होंने कानून की धज्जियां उड़ाते हुए और व्यावसायिक उद्देश्यों के लिए पर्यटन को बढ़ावा देने के नाम पर इमारतों के निर्माण के लिए बड़े पैमाने पर पेड़ों की अवैध कटाई की. जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क के डायरेक्टर रहे राहुल के खिलाफ सीबीआई जांच जारी रहने और सिविल सर्विसेज बोर्ड की आपत्तियों के बावजूद उत्तराखंड सरकार ने राहुल को पद से हटाने की बजाय राजाजी नेशनल पार्क में तैनात कर दिया. कोर्ट ने सरकार के इन मनमाने कदम पर सरकार को जम कर फटकार लगाई.

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