मेरठ. उत्तर प्रदेश को साल 2025 में 7वीं मेट्रो ट्रेन मिल जाएगी. मेट्रो ट्रेन की पहली झलक शनिवार को दिखी. मेरठ मेट्रो का मॉडर्न लुक सामने आ गया है. NCRTC के अफसरों का दावा है कि जून 2025 में मेरठ में मेट्रो का संचालन शुरू हो जाएगा. मेरठ में कुल 12 ट्रेनों का संचालन होना है. दुहाई डिपो में कोच और ट्रेन की टेस्टिंग की प्रक्रिया इंजीनियरों ने पिछले दिनों शुरू कर दी थी. एनसीआरटीसी के एमडी शलभ गोयल ने मेरठ मेट्रो के कोच का दुहाई डिपो में शनिवार को अनावरण किया.

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शलभ गोयल ने बताया कि मेट्रो में एक साथ 700 लोग सफर कर सकते हैं. मेरठ मेट्रो ट्रेन पूर्णतया वातानुकूलित है, इसमें यात्रियों के लिए लगेज रैक भी है. ग्रैब हैंडल से लेकर ये ट्रेन अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस है. मेरठ मेट्रो में CCTV, यूएसबी मोबाइल चार्जिंग प्वाइंट समेत डायनॉमिक रूट मैप भी रहने वाला है.

शलभ गोयल ने बताया कि ट्रेन में सभी दरवाजों पर पुश बटन भी लगाए गए हैं. दरवाजा खोलने के लिए बटन दबाना होगा. इससे ऊर्जा की खपत कम होगी. इसके अलावा ट्रेन में पैसेंजर इमर्जेंसी कम्युनिकेशन सिस्टम के साथ ही अग्निशमन यंत्र के अलावा अलार्म और टॉक-बैक सिस्टम जैसे सुरक्षा उपकरण भी रहेंगे.

शलभ गोयल ने बताया कि मेरठ सेक्शन में भूमिगत हिस्से में टनल निर्माण पूर्ण हो गया है. वहीं एलिवेटेड हिस्से में वायडक्ट का निर्माण भी अंतिम चरण में है. रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम कॉरिडोर के बुनियादी ढांचे पर ही मेरठ मेट्रो ट्रेनों का संचालन होगा.

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फर्स्ट लुक जारी करते समय अधिकारियों ने बताया कि मेरठ के कुल 13 स्टेशनों पर 23 किलोमीटर क्षेत्रफल में मेट्रो ट्रेन का संचालन होगा. बीते दिन तक दुहाई डिपो में मेट्रो के 10 कोच पहुंच गए थे और दो अभी आने बाकी हैं. नमो भारत की अधिकतम रफ्तार की बात करें तो 180 किलोमीटर प्रतिघंटा है, अगर मेट्रो की अधिकतम परिचालन गति की बात करें तो यह भी सौ के पार है. इसकी स्पीड अधिकतम 120 किलोमीटर प्रति घंटा निर्धारित है.

बता दें कि देश में एक ही कॉरिडोर पर दो तरह की ट्रेनें चलाने की मेरठ में यह अनोखी पहल है. मेरठ मेट्रो का जब संचालन शुरू हो जाएगा तो कुल 23 किलोमीटर के कॉरिडोर पर दौड़ेगी. वहीं इस पूरी यात्रा में 18 किलोमीटर एलिवेटेड और पांच किलोमीटर भूमिगत हिस्सा शामिल है. एनसीआरटीसी के साथ एल्सटॉम कंपनी ने अनुबंध किया हुआ है. कंपनी संचालन के बाद 15 वर्ष तक ट्रेन सेटों का रखरखाव करेगी.

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यात्रियों की सुविधा के लिए मेरठ मेट्रो के स्टेशनों को एक से दो किमी के अंतराल पर तैयार किया जा रहा है. मेरठ में मेट्रो का ठहराव 13 स्थानों पर होना है. कुल 23 किलोमीटर के ट्रैक पर जो स्टेशन तैयार किए जा रहे हैं. उनमें दिल्ली की तरफ से आती सबसे पहला स्टेशन मेरठ साऊथ है. उसके बाद परतापुर, रिठानी, शताब्दीनगर, ब्रहापुरी, मेरठ सेंट्रल, भैंसाली, बेगमपुल, एमईएस कॉलोनी, डोरली, मेरठ नॉर्थ, मोदीपुरम और मोदीपुरम डिपो शामिल है. बेगम पुल का स्टेशन मेरठ का सबसे बड़ा अंडर ग्राउंड स्टेशन है.

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