तिहाड़ जेल के अधिकारियों ने संजय सिंह को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से मिलने की अनुमति नहीं दी थी, जिस पर कोर्ट ने अधिकारियों से जवाब मांगा. जेल सुपरिटेंडेंट ने इसकी वजह बताई है. दिल्ली हाईकोर्ट में अपने फैसले को सही ठहराते हुए उन्होंने कहा है कि संजय सिंह को केजरीवाल से जेल में इस आधार पर मिलने की अनुमति देने से इनकार कर दिया गया था क्योंकि वह एक ‘पूर्व कैदी’ हैं.

सुपरिटेंडेंट ने कहा कि दिल्ली जेल नियम पूर्व कैदियों और आदतन अपराधियों को जेल में बंद अपने दोस्तों से मिलने से रोकते हैं. दिल्ली जेल नियमावली के नियम 588 के अनुसार पूर्व कैदियों और आदतन अपराधियों को जेल में बंद अपने दोस्तों से तब तक मिलने से रोका जाता है, जब तक कि इस तरह की मुलाकात के लिए कोई उचित आधार न हो.

बता दें कि सिंह वर्तमान में दिल्ली शराब घोटाला 2021-22 में कथित अनियमितताओं के सिलसिले में जमानत पर बाहर हैं. इसी मामले में दिल्ली CM केजरीवाल जेल में बंद हैं.

अदालत संजय सिंह की उस याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें उन्होंने जेल सुपरिटेंडेंट द्वारा केजरीवाल से लगातार 2 बार मिलने की अनुमति देने से इस आधार पर मना कर दिया था कि सांसद एक ‘पूर्व कैदी’ हैं. शनिवार को दायर हलफनामे में, तिहाड़ सुपरिटेंडेंट ने कहा कि इस फैसले को ‘अन्यायपूर्ण’ या ‘मनमाना’ नहीं कहा जा सकता क्योंकि अप्रैल में न्यायिक हिरासत में भेजे जाने के बाद केजरीवाल ने जेल अधिकारियों के समक्ष एक आवेदन प्रस्तुत किया था, जिसमें संजय सिंह सहित 8 परिवार के सदस्यों का नाम जोड़ने का अनुरोध किया गया था.

अधिकारियों ने ‘प्रारंभिक चरण’ में भी नियम 588 का हवाला देते हुए CM के अनुरोध को स्वीकार नहीं किया था. जेल अधिकारियों ने तर्क दिया कि मिलने की सुविधा अधिकार के बजाय विशेषाधिकार नेचर की है और यह दिल्ली जेल नियम, 2018 के अनुसार जेल अधिकारियों द्वारा विनियमन के अधीन है. चार पन्नों के हलफनामे में जेल अधिकारी ने कहा है, ‘प्रतिवादी द्वारा लिए गए फैसले को अन्यायपूर्ण या मनमाना नहीं कहा जा सकता. प्रतिवादी ने UTP (अंडर ट्रायल कैदी) अरविंद केजरीवाल के अनुरोध को मंजूरी नहीं दी थी, जिसमें याचिकाकर्ता द्वारा UTP अरविंद केजरीवाल से मिलने के अनुरोध से पहले विजिटर्स की लिस्ट संजय सिंह का नाम शामिल करने का अनुरोध किया गया था.’