Rajasthan News: राजस्थान में सभी विश्वविद्यालयों में छात्र संघ चुनावों पर रोक लगी हुई है, लेकिन कॉलेजों के छात्र लगातार चुनाव करवाने की मांग कर रहे हैं। इस मुद्दे पर कई विश्वविद्यालयों में धरना-प्रदर्शन हो रहे हैं, जिसमें ABVP और NSUI के नेता भी शामिल हैं। हालांकि, भजनलाल सरकार ने अब तक इस पर कोई निर्णय नहीं लिया है। बीजेपी के वरिष्ठ नेता, जैसे गजेंद्र सिंह शेखावत, ने भी सरकार से जल्द छात्र संघ चुनाव कराने की मांग की है। कुछ विश्वविद्यालयों के कुलपति भी चुनाव करवाने के पक्ष में हैं, लेकिन डिप्टी सीएम प्रेमचंद बैरवा ने हाल ही में कहा था कि छात्र संघ चुनाव को लेकर फिलहाल कोई विचार नहीं है।

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विपक्ष के कई प्रमुख नेता, जैसे सचिन पायलट, रविंद्र सिंह भाटी, और अशोक गहलोत, भी छात्र संघ चुनावों के समर्थन में सामने आए हैं। अशोक गहलोत ने एक बार फिर भजनलाल सरकार से चुनाव करवाने की मांग की है। उन्होंने अपने एक्स पोस्ट में लिखा कि “राजस्थान की भाजपा सरकार द्वारा छात्र संघ चुनावों को पुनः शुरू नहीं करना उचित नहीं है। हमारी सरकार के दौरान विधानसभा चुनावों की तैयारी के कारण चुनाव स्थगित किए गए थे, परंतु अब ऐसी कोई परिस्थिति नहीं है।”

अशोक गहलोत ने कहा कि राजस्थान की राजनीति में कई विधायक, सांसद, और मंत्री छात्र संघ की राजनीति से उभर कर आए हैं, और खुद मुख्यमंत्री भी ABVP के सदस्य रह चुके हैं। उन्होंने जोर देकर कहा कि छात्र संघ चुनाव राजनीति की प्राथमिक पाठशाला हैं, इसलिए इन्हें शुरू किया जाना चाहिए और चुनावों के लिए बनाई गई आदर्श आचार संहिता की पालना सुनिश्चित की जानी चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि छात्र संघ चुनाव की मांग कर रहे छात्र नेताओं पर बल प्रयोग अनुचित है।

छात्र संघ चुनाव पर रोक के कारण

राजस्थान में 2023-2024 सत्र में छात्र संघ चुनाव नहीं कराए गए थे। उस समय, अशोक गहलोत की सरकार के तहत, विश्वविद्यालयों के कुलपतियों ने अपनी राय दी थी कि चुनाव में बाहुबल और धनबल का अत्यधिक उपयोग किया जाता है। लिंगदोह कमेटी की शर्तें लागू होने के बावजूद उनका उल्लंघन हुआ था, जैसे कि चुनाव में अधिकतम 5,000 रुपये खर्च करने की सीमा, लेकिन उम्मीदवार लाखों रुपये खर्च कर रहे थे। रैलियों में लग्जरी गाड़ियों का उपयोग और छात्रों के बीच हिंसक झड़पें भी होती थीं।

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