हेमंत शर्मा, इंदौर। मध्यप्रदेश सिख यूथ फोरम ने कांग्रेस के नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी के अमेरिका में सिख समाज को लेकर दिए गए विवादास्पद और झूठे बयान के खिलाफ एक ज्ञापन सौंपा है। ज्ञापन इंदौर संभागायुक्त के माध्यम से महामिहम राष्ट्रपति को प्रेषित किया गया है। ज्ञापन में उल्लेख किया गया है कि राहुल गांधी ने वर्जीनिया में भारत की छवि को धूमिल करने के उद्देश्य से सिख समाज को लेकर कई गलत और आधारहीन बातें कही हैं। उन्होंने कहा था कि भारत में सिखों को पगड़ी, कड़ा पहनने और गुरुद्वारों में जाने की अनुमति को लेकर लड़ाई चल रही है, जबकि यह पूरी तरह से असत्य है।
सिख समाज को मिली पूर्ण स्वतंत्रता
मध्यप्रदेश सिख यूथ फोरम ने इस ज्ञापन में स्पष्ट किया है कि भारत में सिख समाज को अपने धार्मिक रीति-रिवाजों का पालन करने की पूरी स्वतंत्रता है। सिख समाज के लोग न केवल पगड़ी और कड़ा धारण करते हैं, बल्कि बिना किसी रोक-टोक के गुरुद्वारों में जाते हैं। भारत में सिख समाज के कई सदस्य सेना और अन्य उच्च पदों पर आसीन हैं, जो इस बात का प्रमाण है कि यहां उन्हें पूर्ण धार्मिक स्वतंत्रता प्राप्त है।
1984 सिख नरसंहार का संदर्भ
ज्ञापन में यह भी कहा गया है कि राहुल गांधी अपने बयान से सिख समाज के प्रति नफरत फैलाने का काम कर रहे हैं, जबकि सच्चाई यह है कि 1984 में इंदिरा गांधी की हत्या के बाद कांग्रेस की सरकार के समय सिखों पर अत्याचार हुए थे। उस समय सिखों का बड़े पैमाने पर नरसंहार हुआ था, उनके गुरुद्वारों पर हमले किए गए थे और उन्हें जिंदा जलाया गया था।
राहुल गांधी पर कार्रवाई की मांग
मध्यप्रदेश सिख यूथ फोरम ने राहुल गांधी के इस झूठे और नफरत फैलाने वाले बयान पर कड़ी कार्रवाई की मांग की है। उनका कहना है कि इस तरह के बयान भारत और सिख समाज की वैश्विक छवि को नुकसान पहुंचाते हैं, और ऐसे बयानों को किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाना चाहिए। ज्ञापन के माध्यम से सिख यूथ फोरम ने यह स्पष्ट कर दिया है कि वे अपने धर्म और समाज की गरिमा के साथ कोई समझौता नहीं करेंगे और राहुल गांधी के खिलाफ कठोर कार्रवाई की मांग करते हैं।
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