कोलकाता में डॉक्टर के साथ हुए दुष्कर्म और हत्या की घटना के बाद पंजाब सरकार ने तुरंत कदम उठाते हुए एक्शन मोड में आ गई है. सरकार ने सभी जिलों में जिला स्वास्थ्य बोर्डों का गठन किया है. इसके साथ ही जल्द ही डॉक्टरों और सरकार के बीच बैठक होने जा रही है. यह बैठक सुबह 9:30 बजे वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा की अध्यक्षता में होगी, जिसमें डॉक्टर और अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी शामिल होंगे.


राज्य के सभी जिला स्वास्थ्य बोर्डों ने चिकित्सा पेशेवरों के साथ बैठक की है, जिसमें जिला कलेक्टर (डीसी) और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) बैठक की अध्यक्षता कर रहे हैं. इन बैठकों में जो भी सुझाव आएंगे, उनकी रिपोर्ट सरकार के समक्ष रखी जाएगी. इसके बाद, सरकार द्वारा अगली कार्य योजना तैयार की जाएगी.

सुरक्षा ऑडिट कराने का निर्णय


करीब 22 दिन पहले स्वास्थ्य मंत्री बलबीर सिंह ने कोलकाता की घटना के बाद हड़ताल पर बैठे डॉक्टरों से मुलाकात की थी. इसके बाद अस्पतालों में सुरक्षा ऑडिट कराने का निर्णय लिया गया. अब इस बात पर विचार हो रहा है कि अस्पतालों की सुरक्षा कैसे बढ़ाई जाए. डॉक्टरों का कहना है कि जब तक उनकी सुरक्षा सुनिश्चित नहीं की जाएगी, तब तक वे सही से काम नहीं कर पाएंगे. ज़ीरकपुर, लुधियाना और नवांशहर में डॉक्टरों पर हमले की घटनाएं सामने आई हैं.


राज्य के सभी डॉक्टर चाहते हैं कि अस्पतालों में पैनिक बटन और कैमरे लगाए जाएं. पुलिस से सीधा संपर्क भी बनाए रखा जाए, ताकि ज़रूरत पड़ने पर वे तुरंत मदद ले सकें. सरकार इस पर भी विचार कर रही है. इससे पहले पंजाब के विधायकों और सांसदों ने अस्पतालों का दौरा कर डॉक्टरों की समस्याओं को सुना और उन्हें आश्वासन दिया कि प्राथमिकता के आधार पर इन समस्याओं का समाधान किया जाएगा.

बैठक में प्रमुख नेता शामिल

आम आदमी पार्टी की सरकार में स्वास्थ्य मंत्री समेत चार मंत्री और विधायक चिकित्सा पेशे से हैं. इनमें मंत्री बलजीत कौर, सांसद डॉ. राज कुमार चब्बेवाल और विधायक चमकौर सिंह शामिल हैं.