पैरों में झुनझुनी का अनुभव हर व्यक्ति ने कभी न कभी किया ही होगा, क्योंकि यह आम है. इसमें ऐसा लगता है, जैसे पैरों पर छोटी-छोटी चीटियां रेंग रही हैं. कई बार यह काफी असहज होता है, क्योंकि आप ठीक से खड़े नहीं हो पाते. जैसे-तैसे खड़े होते भी हो तो चल नहीं पाते. सोचिए, अगर यह बार-बार होने लगे, आपको काफी परेशानी का सामना करना पड़ेगा. हालांकि, ज्यादातर मामलों में, पैरों में झुनझुनी का कारण कोई गंभीर बीमारी नहीं होती.
आज हम आपको पैरों में झुनझुनी होने के कुछ सामान्य कारणों के बारे में जानेंगे. ये आपके लिए काफी इंटरेस्टिंग, नॉलेजवल होने वाला है. न्यूरोपैथी में नर्व डैमेज होने लगती हैं. यह अलग-अलग कारणों से भी हो सकता है, जैसे अगर, आप डायबिटीक हैं तो शुगर लेवर ठीक से कंट्रोल न होने की स्थिति में झुनझुनी हो सकती है. विटामिन B-12 नर्वस सिस्टम को स्वस्थ रखने के लिए जरूरी है. अगर, इसकी कमी है तो आपको बार-बार झुनझुनी हो सकती है. इसके साथ ही खून (ब्लड) आपके पैरों में सही मात्रा में प्रवाहित नहीं होता है, तो यह झुनझुनी का कारण बन सकता है. इसकी वजह धूम्रपान और मोटापा हो सकता है.
पोजिशनल क्रैम्प्स- जब आप लंबे समय तक एक स्थिति में बैठे या खड़े रहते हैं, तो आपके पैरों में मांसपेशियों में ऐंठन शुरू हो जाती है. आपको झुनझुनी महसूस होती है. मगर, यह कुछ सेकंड में ठीक हो जाती है.
गर्भावस्था- गर्भावस्था के दौरान हार्मोनल बदलाव होते हैं. भ्रूण का विकास पैरों के ब्लड सर्कुलेशन को प्रभावित कर सकता है, जिससे झुनझुनी महसूस हो सकती है. आमतौर पर गर्भावस्था के बाद यह ठीक भी हो जाती है.
झुनझुनी कम करने के तरीके जानें
जरूरी नहीं है कि आप डॉक्टर को दिखाएं, बल्कि कुछ सामान्य तरीके भी अपना सकते हैं, जैसे- नियमित व्यायाम, योग और वॉक करें. हेल्दी डाइट लें. स्ट्रेस से बचें. पैरों को ऊंचा रखें. विटामिन B-12 से भरपूर फूड्स अपनी दिनचर्चा में शामिल करें. शराब पीने का परित्याग कर देना ही सही है. बाजार में कुछ दवाएं हैं जो डॉक्टर के प्रिस्क्रिप्शन पर लें. सीधे मेडिकल स्टोर से न लें. क्योंकि कई बार ये दवाएं नुकसान पहुंचा सकती हैं.