सुप्रीम कोर्ट कल 13 सितंबर को जेल में बंद केजरीवाल की जमानत अर्जी की सुनवाई करेगी. कल ये फैसला हो जाएगा कि केजरीवाल को जमानत मिलेगी या नहीं. जेल में बंद केजरीवाल ने शराब घोटाला मामले में CBI  द्वारा अपनी गिरफ्तारी को चुनौती दी है.

उन्होंने अपील के जरिए कोर्ट से अंतरिम अपील की मांग की है. केजरीवाल को ED ने 26 मार्च को गिरफ्तार किया था. सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें अंतरिम जमानत दे दी थी. वो अभी तक जेल में हैं, क्योंकि CBI के मामले में उन्हें जमानत नहीं मिली है.

सबूतों से हो सकती है छेड़छाड़

इस पीठ में न्यायाधीश सूर्यकांत और उज्जवल भुइयां शामिल हैं. ये पीठ 5 सितंबर को सुरक्षित रखे गए फैसले की सुनवाई करेगी. CBI ने दलील दी थी कि अगर अरविंद केजरीवाल को जमानत पर रिहा किया जाता है तो शराब घोटाले मामले से जुड़े सबूतों के साथ छेड़छाड़ कर सकते हैं. साथ ही चल रही जांच में बाधा भी डाल सकते हैं. इससे जांच एजेंसियों और कोर्ट को फैसला सुनाने में चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है.

सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया

इसके बाद दिल्ली हाईकोर्ट ने 5 अगस्त को इस मामले में केजरीवाल की जमानत अर्जी को रद्द कर दिया था और उनसे जमानत के लिए ट्रायल कोर्ट में अर्जी लगाने को कहा गया था. इसके चलते केजरीवाल ने सुप्रीम कोर्ट में जमानत अर्जी दाखिल की थी. इसके बाद 14 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट ने CBI से जवाब मांगा था, लेकिन उस समय जमानत देने से इंकार कर दिया था.

शराब घोटाले का पैसा गोवा चुनावों में लगाया

CBI ने केजरीवाल को 26 जून को गिरफ्तार किया था. उस समय केजरीवाल मनी लॉन्ड्रिंग मामले में ED की न्यायिक हिरासत में थे. केजरीवाल सहित आम आदमी पार्टी के अन्य नेताओं पर दिल्ली शराब नीति बनाते समय खामियां पैदा करने का आरोप है. इन खामियों के चलते ही केजरीवाल ने जानबूझकर शराब कारोबारियों को अवैध लाभ पहुंचाया है. इस तरह उन पर आपराधिक साजिश रचने का आरोप है. जांच एजेसिंयों ने आरोप लगाया है कि इस घोटाले से मिले पैसे का इस्तेमाल आम आदमी पार्टी ने गोवा चुनाव के दौरान किया है.