मयंक शर्मा, फिरोजाबाद. जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की ओर से शनिवार को फिरोजाबाद में आयोजित की गई लोक अदालत 15 दंपतियों के लिए यादगार बन गई. दरअसल, इन 15 दंपतियों के बीच आपसी मनमुटाव चल रहा था और यह पति-पत्नी काफी दिन से अलग रह रहे थे. शनिवार को आयोजित लोक अदालत में इन्हें बुलाकर इनके बीच समझौता कराया गया और न्यायाधीशों के सामने एक दूसरे को माला पहनाकर इन्हें खुशी-खुशी घर रवाना किया गया.

बता दें कि राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के निर्देश पर समय-समय पर लोक अदालतों का आयोजन जिला स्तर पर किया जाता है. जिसका उद्देश्य आपसी सुलह समझौते से विवादों का निस्तारण करना होता है. इसी क्रम में शनिवार को फिरोजाबाद जिले में लोक अदालत का आयोजन किया गया. वैसे तो इस लोक अदालत में एक लाख 35 हजार 195 वादों का निस्तारण किया गया जो विभिन्न प्रकार के थे. जिनमें मोटर व्हीकल, फौजदारी, दुर्घटना बीमा, राजस्व, बीएसएनएल, उत्तराधिकार, सिविल आदि हैं. लेकिन इस लोक अदालत की सबसे खास बात यह रही कि इस मौके पर 15 जोड़ो को फिर से मिलाकर उनकी खुशियों को लौटाया गया और इन लोगों के लिए ये लोक अदालत यादगार बन गई.

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जरा-जरा सी बात पर इन लोगों का घर टूटने की कगार पर पहुंच गया था. तलाक की नौबत थी. पति-पत्नी एक साथ रहने के लिए तैयार नहीं थे. लोक अदालत में इन दोनों पक्षों को बुलवाया गया और समझा बुझाकर इनके बीच समझौता कराकर इनके दांपत्य जीवन की गाड़ी को फिर से पटरी पर लाया गया. इस मौके पर उच्च न्यायालय के प्रशासनिक न्यायाधीश डॉ. गौतम चौधरी ने लोक अदालत के महत्व पर प्रकाश डाला. उन्होंने कहा कि प्राचीन समय में घरों में या गांव में होने वाले विवाद को बुजुर्ग आपस में बैठकर सुलझा लेते थे. लोक अदालत उसी परंपरा को आगे बढ़ा रही है.