अनूप दुबे, कटनी। मध्य प्रदेश के कटनी जिले की ढीमरखेड़ा तहसील के ग्राम मड़ैयन में दो माह से 63 केवी का ट्रांसफार्मर जला हुआ है। 24 जुलाई को क्षेत्र में आई बाढ़ आपदा से प्रभावित गांव में बच्चे रात के अंधेरे में दीपक की रोशनी में पढ़ाई करने को मजबूर हैं।

ग्रामीणों ने बताया कि, गांव के लोगों को बाढ़ का मुआवजा नहीं मिला और न ही दो माह में ट्रांसफार्मर बदला गया। पहले ग्रामीण बिजली न रहने पर केरोसिन मिट्टी का तेल जलाकर घरों में उजाला कर लेते थे। लेकिन तकरीबन 1 साल से केरोसिन भी उपलब्ध नहीं हो रहा। मजबूरन खाने वाले तेल को जलाकर य मोबाइल की टार्च से उजाला किया जा रहा है।

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बिजली न रहने के कारण उमस भरी गर्मी और मच्छरों के प्रकोप से छोटे बड़े सभी को कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। रात में जहरीले जीव जंतुओं के डर के कारण बच्चों और ग्रामीणों को नींद नहीं आ रही। अमीर लोगों ने खेतों और दूसरे गांव से तार खींचकर लाइट लगवा ली है। लेकिन गरीब आदमी के लिए कोई व्यवस्था नहीं हैं। विद्युत विभाग के अधिकारी जबलपुर से ट्रांसफार्मर उपलब्ध न होने के कारण गांव में नया ट्रांसफार्मर नहीं लगवा पा रहे।

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ग्रामीणों और बच्चों ने शासन प्रशासन से जल्द से जल्द गांव में नया ट्रांसफार्मर, बाढ़ पीड़ितों को मुआवजा और केरोसिन उपलब्ध कराने की मांग की है। 12 सितंबर को लल्लूराम डॉट कॉम ने गांव में विद्युत समस्या की खबर को प्रमुखता से प्रकाशित किया था। उसी दिन मुख्यमंत्री मोहन यादव का कटनी जिले में कार्यक्रम था। आनन फानन में बिजली विभाग के अधिकारी देर शाम तक ट्रांसफार्मर लगने का आश्वासन दे रहे थे, लेकिन मुख्यमंत्री के जाते ही तकरीबन 15 दिन बीतने के बाद भी गांव में ट्रांसफार्मर न लगने के कारण ग्रामीण परेशान हैं।

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