Swiggy IPO SEBI Approval: ऑनलाइन फूड डिलीवरी प्लेटफॉर्म स्विगी को आईपीओ लाने के लिए भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) की मंजूरी मिल गई है. स्विगी ने अप्रैल में आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) के लिए सेबी के पास मसौदा पत्र जमा कराए थे.

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक कंपनी इस साल नवंबर में यह आईपीओ लॉन्च कर सकती है. स्विगी इसके जरिए 1.25 लाख करोड़ रुपये के वैल्यूएशन पर 11 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा जुटाने की योजना बना रही है. इसमें 5000 करोड़ रुपये के नए शेयर शामिल होंगे.

इससे पहले स्विगी ने अपने आईपीओ के जरिए करीब 1.25 बिलियन डॉलर (करीब 10 हजार करोड़ रुपये) जुटाने का लक्ष्य रखा था. इसमें से करीब 3,750 करोड़ रुपये नए शेयरों की बिक्री और 6,664 करोड़ रुपये ऑफर-फॉर-सेल (ओएफएस) के जरिए जुटाए जाने थे.

स्विगी करेगी जोमैटो और ब्लिंकिट से मुकाबला

स्विगी के इस कदम का मकसद साफ है कि वह जोमैटो और ब्लिंकिट से मुकाबला करना चाहती है. अप्रैल में जब से स्विगी ने अपने ड्राफ्ट आईपीओ पेपर दाखिल किए हैं, तब से जोमैटो और ब्लिंकिट दोनों की लाभप्रदता में बढ़ोतरी हुई है.

इसके अलावा, पिछले दो महीनों में ज़ेप्टो जैसी नई कंपनियों ने भी 1 बिलियन डॉलर की फंडिंग जुटाकर बाजार में अपनी पकड़ मजबूत की है. इतना ही नहीं, वॉलमार्ट ने फ्लिपकार्ट मिनट्स के जरिए क्विक कॉमर्स सेगमेंट में एंट्री करके प्रतिस्पर्धा भी तेज कर दी है.

वित्त वर्ष 2024 में स्विगी के रेवेन्यू में 36% की बढ़ोतरी

इस बीच, स्विगी की वित्तीय स्थिति में भी सुधार हुआ है. वित्त वर्ष 2024 में स्विगी का रेवेन्यू 36% बढ़कर 11,247 करोड़ रुपये हो गया, जो पिछले वित्त वर्ष में 8,265 करोड़ रुपये था.

वहीं, इस दौरान कंपनी ने अपने घाटे में भी 44 फीसदी की कमी की और वित्त वर्ष 2024 में यह 2,350 करोड़ रुपये पर आ गया, जबकि पिछले साल यह 4,179 करोड़ रुपये था. कंपनी अपनी लागत को नियंत्रण में रखकर अपने घाटे को कम करने में सफल रही है.

हालांकि स्विगी का प्रदर्शन जोमैटो से कम है, लेकिन फिर भी इसने वित्त वर्ष 24 में अपने प्रतिद्वंद्वी के साथ अंतर को कम कर दिया है. वित्त वर्ष 2024 में जोमैटो ने 12,114 करोड़ रुपये का राजस्व दर्ज किया, जबकि स्विगी का राजस्व 11,247 करोड़ रुपये रहा. इसी तरह, जोमैटो ने 351 करोड़ रुपये का लाभ कमाया, जबकि स्विगी का घाटा 2,350 करोड़ रुपये रहा.