मयंक शर्मा, फिरोजाबाद. चूड़ियों के उत्पादन के साथ-साथ आलू की पैदावार के मशहूर पश्चिमी यूपी के फिरोजाबाद जिले में खाद की समस्या अभी से पैदा हो गई है. किल्लत की वजह ये सामने आई है कि कुछ किसानों ने इसका जरूरत से ज्यादा स्टॉक कर लिया है, जो अवैध है. एसडीएम ने कृषि विभाग के अधिकारियों के साथ गुरुवार की रात एक किसान के यहां से जमाखोरी पकड़ी है. आशंका जताई जा रही है कि इस खाद को ब्लैक में बेचने के मकसद से जमा किया गया था.

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बता दें कि फिरोजाबाद जिले में बड़े पैमाने पर आलू की फसल की पैदावार होती है. उद्यान विभाग में दर्ज आंकड़ों के मुताबिक जिले में लगभग 55 से 60 हजार हैक्टेयर कृषि योग्य जमीन में आलू की पैदावार होती है. गेंहू के बाद यह जिले की दूसरी क्रॉप है. चूंकि आलू की फसल में खाद का उपयोग बड़े पैमाने पर होता है और किसानों को जरूरत के हिसाब से खाद मिल नहीं पाती तो इसकी कालाबाजारी भी शुरू हो जाती है. इस बार भी अभी से खाद की किल्लत शुरू हो गई है.

दरअसल, प्रशासन को शिकायत मिली थी कि खाद की किल्लत की मुख्य बजह खाद की जमाखोरी है. कुछ लोग खुद को किसान बताकर तय मानक से ज्यादा इसकी खरीद कर लेते हैं और फिर जरूरतमंद किसानों को ऊंचे दामों में बेच देते हैं.

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टूण्डला के एसडीएम गजेन्द्र सिंह ने बताया कि टूण्डला तहसील के एक गांव में एक घर में खाद की जमाखोरी की सूचना मिली थी, जिसे ब्लैक में बेचे जाने की आशंका थी. इस सूचना के आधार पर नगला मुरली गांव में छापेमारी कर मकान में रखी 90 बोरी डीएपी, 200 बोरी एनपीके और 45 बोरी पीडीएम बरामद किया है. भवन स्वामी खाद का कोई वैध कागजात न दिखा सका है. इस मामले में आगे की कार्रवाई कृषि विभाग द्वारा की जा रही है. छापेमारी के दौरान तहसील टीम के साथ कृषि विभाग के अधिकारी भी मौजूद थे.