दीपक कौरव, नरसिंहपुर। मध्य प्रदेश के नरसिंहपुर जिले का गोटेगांव सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र एक बार फिर सुर्खियों में है। जहां एक और कारनामा सामने आया है, यहां सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में  शर्मसार कर देने वाला वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। जिससे जिम्मेदारों की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल उठ रहे है। 

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नरसिंहपुर जिले के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र गोटेगांव सरकारी अस्पताल में भारी अनियमितताएं प्रदर्शित हो रही हैं। हाल ही में 25 सितंबर की घटना है, जहां घायल मरीज शासकीय अस्पताल गोटेगांव उपचार के लिए आई थी । जहां पर ड्रेसिंग रूम में स्टॉफ और डॉक्टर नहीं होने पर परिजनों को खुद ही घायल की ड्रेसिंग करनी पड़ी। कहने को तो शासकीय अस्पताल गोटेगांव में करीब 50 अधिकारी कर्मचारी कार्यरत हैं। जहां दूसरी ओर अस्पताल में आपातकालीन स्थिति में अधिकारी एवं कर्मचारी इस प्रकार नदारद पाए जाते हैं। 

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 ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर जिम्मेदारों की क्या जिम्मेदारी है, वहीं दूसरा वीडियो लगभग दो माह पूर्व का है। जो वायरल हो रहा है, जिसमें जिम्मेदार अधिकारियों की कार्यप्रणाली पर प्रश्न चिन्ह है कि एक ग्राम से आई महिला को स्टाफ नर्स द्वारा फर्श पर लिटाकर उपचार किया जा रहा है। महिला की अंत में मौत भी हो गई। इन मामलों को लेकर अस्पताल के जिम्मेदार अधिकारी कुछ भी कहने से बचते नजर आए। हालांकि सीएमएचओ आशीष सिंह कहा कि  मामला संज्ञान में आया है, जो वैधानिक कार्रवाई होगी की जाएगी। 

भयावह कर देने वाले वीडियो जब किसी अस्पताल से निकल कर सामने आते हैं, तो यह अस्पताल प्रबंधन के अलावा जिले में बैठे स्वास्थ्य विभाग के आला अधिकारियों और जिला प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारियों की नजरअंदाजी का उदाहरण है। घायल मरीज के परिजनों का कहना है कि हम इलाज के लिए गोटेगांव अस्पताल गए थे, झगड़े के कारण चोट आई थी। लेकिन हॉस्पिटल में कोई इलाज करने वाला नहीं था। यहां तक की पट्टी भी हमारे साथ के लोगों ने बांधी थी।

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