RBI Monetary Policy Meeting: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की मौद्रिक नीति समिति की बैठक 7-9 अक्टूबर को होगी. गवर्नर शक्तिकांत दास की अध्यक्षता में होने वाली इस बैठक में ब्याज दर पर फैसला लिया जाएगा.

पिछली बैठक अगस्त में हुई थी, जिसमें समिति ने लगातार 9वीं बार दरों में कोई बदलाव नहीं किया था. अक्टूबर में होने वाली बैठक में भी ब्याज दरों में कोई बदलाव की उम्मीद नहीं है.

RBI गवर्नर शक्तिकांत दास 9 अक्टूबर को बैठक के फैसलों की जानकारी देंगे. यह बैठक हर दो महीने में होती है. RBI ने पिछली बार फरवरी 2023 में दरें 0.25% बढ़ाकर 6.5% की थी.

अमेरिकी फेडरल रिजर्व ने ब्याज दरों में 0.5% की कटौती की

इससे पहले 18 सितंबर को अमेरिकी फेडरल रिजर्व ने ब्याज दरों में 0.5% की कटौती की थी. चार साल बाद की गई इस कटौती के बाद ब्याज दरें 4.75% से 5.25% के बीच रही थीं. अमेरिका दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है, इसलिए इसके केंद्रीय बैंक का हर बड़ा फैसला दुनिया भर की अर्थव्यवस्थाओं को प्रभावित करता है.

रिजर्व बैंक ने 2020 से अब तक 5 बार में ब्याज दरों में 1.10% की बढ़ोतरी की

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने कोरोना के दौरान दो बार (27 मार्च 2020 से 9 अक्टूबर 2020) ब्याज दरों में 0.40% की कटौती की. इसके बाद अगली 10 बैठकों में केंद्रीय बैंक ने 5 बार ब्याज दरें बढ़ाईं, चार बार कोई बदलाव नहीं किया और अगस्त 2022 में एक बार 0.50% की कटौती की. कोविड से पहले 6 फरवरी 2020 को रेपो दर 5.15% थी.

मार्च 2025 तक भारत में 0.50% की कटौती हो सकती है

जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के मुख्य निवेश रणनीतिकार डॉ. वीके विजयकुमार ने कहा कि मार्च 2025 तक भारत में 0.50% की कटौती हो सकती है. आरबीआई ने 8 फरवरी 2023 से ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया है. फिलहाल रेपो दर 6.50% है.

वालफोर्ट फाइनेंशियल सर्विसेज लिमिटेड के संस्थापक विजय भारडिया ने कहा कि दरों में कटौती एक साहसिक कदम है जो भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) सहित अन्य वैश्विक केंद्रीय बैंकों को नरम मौद्रिक रुख अपनाने के लिए प्रोत्साहित कर सकता है.